विश्व बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। वर्ल्ड बैंक ने पहले के अनुमान में 1.2 प्रतिशत तक संशोधन किया है। नया अनुमान अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान देश की जीडीपी में 8.4 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के बाद आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जनवरी-मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत की विकास दर से बढ़ने की राह पर है।
हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में विकास दर धीमी होकर 6.6 प्रतिशत हो जाएगी। मध्यम अवधि में, भारत में राजकोषीय घाटा और सरकारी ऋण में गिरावट का अनुमान है, जो मजबूत जीडीपी वृद्धि से समर्थित है।
अनुमानित विकास दर
2 अप्रैल को जारी अपने नवीनतम अपडेट में विश्व बैंक ने दक्षिण एशिया के लिए स्वस्थ विकास दर की भविष्यवाणी की, जिसका श्रेय मुख्य रूप से भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था को जाता है। रिपोर्ट बताती है कि 2025 में 6.1 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ अगले दो वर्षों तक दक्षिण एशिया सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र बनेगा।
भारत रहेगा दक्षिण एशिया के विकास का इंजन
वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत की तेज विकास दर और पाकिस्तान और श्रीलंका की अर्थव्यवस्थाओं में आ रहे सुधार की वजह से दक्षिण एशियाई देशों की कुल विकास दर तेज रहेगी। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, अगले दो वर्षों में दुनिया में सबसे तेज विकास दक्षिण एशियाई क्षेत्र में ही होगा। साल 2025 में भी दक्षिण एशियाई देशों की कुल विकास दर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ‘दक्षिण एशिया की कुल अर्थव्यवस्था में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी है और भारत की विकास दर वित्तीय वर्ष 2023-24 में 7.5 फीसदी रह सकती है। मिड टर्म के बाद यह वापस 6.6 फीसदी पर आ सकती है।
बांग्लादेश में 2024-25 में उत्पादन में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि
बांग्लादेश में 2024-25 में उत्पादन में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। उधर श्रीलंका की जीडीपी में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।