विश्व बैंक ने ‘नमामि गंगे कार्यक्रम’ में जरुरी सहयोग बढ़ाने और गंगा नदी की कायाकल्प करने के लिए भारत सरकार के साथ 400 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस ऋण समझौते का उद्देश्य गंगा को स्वच्छ और निर्मल नदी बनाना है। 400 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता में 381 मिलियन डॉलर का ऋण और 19 मिलियन डॉलर तक की प्रस्तावित गारंटी शामिल हैं। इस नई परियोजना का उद्देश्य पावन गंगा नदी के प्रदूषण के स्तर को कम करना और नदी बेसिन के प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में काम करना है, जो लगभग 500 मिलियन से अधिक लोगों का घर है।
विश्व बैंक वर्तमान में राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन परियोजना के जरिए वर्ष 2011 से ही भारत सरकार के प्रयासों में सहयोग कर रहा है। इसके अलावा इसने नदी के प्रबंधन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) की स्थापना करने में भी मदद की है।
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महत्वपूर्ण तथ्य-
महत्वपूर्ण तथ्य-
- विश्व बैंक के अध्यक्ष: डेविड मलपास.