थोक मूल्य मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में घटकर 8.39 प्रतिशत हो गई, यह सितंबर में 10.7 प्रतिशत थी। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में इस बात का खुलासा किया गया है। देश में थोक मुद्रास्फीति मार्च 2021 के बाद पहली बार दोहरे अंकों के निशान से नीचे आई है। उस समय थोक महंगाई दर 7.89 प्रतिशत थी। ऐसे में 19 महीने के बाद थोक महंगाई दर का आंकड़ा सिंगल डिजिट में आया है।
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अप्रैल 2021 से सितंबर 2022 तक लगातार 18 महीनों में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) प्रिंट दोहरे अंकों के निशान से ऊपर रहा। वहीं आंकड़ों के अनुसार अगस्त के महीने के लिए WPI को 12.41 प्रतिशत से संशोधित कर 12.48 प्रतिशत कर दिया गया था। अक्टूबर 2021 में थोक महंगाई दर 13.83 फीसदी थी।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने हाल ही में अनुमान जताया था कि अक्टूबर में महंगाई दर में गिरावट आ सकती है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने अक्टूबर महीने के लिए मुद्रास्फीति (Inflation) की दर में कमी आने का अनुमान जताते हुए यह भी कहा था कि इसकी वजह सरकार और RBI की ओर से पिछले छह-सात महीनों में उठाए गए गदम हैं। अक्तूबर महीने में खाद्य आधारित मुद्रास्फीति 6.48 प्रतिशत रही, जो सितंबर में 8.08 प्रतिशत थी।