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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय: अप्रैल में थोक मूल्य में भारी गिरावट, बाजार की चाल पर प्रभाव

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वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार अप्रैल में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति सालाना आधार पर घटकर -0.92 प्रतिशत रह गई, जो मार्च में 1.34 प्रतिशत थी। यह कमी रॉयटर्स पोल से अनुमानित 0.2% की गिरावट से अधिक थी। मार्च 2023 की तुलना में अप्रैल 2023 के लिए डब्ल्यूपीआई में महीने-दर-महीने परिवर्तन 0.0% पर अपरिवर्तित रहा।

लगातार 11वें महीने अप्रैल में डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट जारी रही है। मुद्रास्फीति में गिरावट व्यापक थी, मुख्य रूप से कच्चे तेल, ऊर्जा, गैर-खाद्य वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की कम कीमतों के कारण। अप्रैल में प्राइमरी आर्टिकल्स की महंगाई दर घटकर 1.60 पर्सेंट रह गई, जो मार्च में 2.40 पर्सेंट थी।

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थोक मूल्य सूचकांक से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:

  • सरकार ने बयान में कहा कि मुद्रास्फीति की दर में गिरावट व्यापक आधार पर है, जो मुख्य रूप से कच्चे तेल, ऊर्जा की कीमतों, गैर-खाद्य और खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट से प्रेरित है।
  • प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 1.60 प्रतिशत रही जो मार्च में 2.40 प्रतिशत थी।
  • ईंधन और बिजली मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 0.93 प्रतिशत रह गई, जो मार्च में 8.96 प्रतिशत और फरवरी में 13.96 प्रतिशत थी।
  • विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर -2.42 प्रतिशत रह गई, जो मार्च में -0.77 प्रतिशत और फरवरी में 1.94 प्रतिशत थी।
  • विनिर्मित उत्पादों और ईंधन उत्पादों की कीमतों में कमी आने से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मार्च में 29 महीने के निचले स्तर 1.34 प्रतिशत पर आ गया था।
  • भारत में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में तेजी से घटकर 4.7 प्रतिशत या 18 महीने के निचले स्तर पर आ गई, जो इससे पिछले महीने 5.7 प्रतिशत थी।

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