अक्टूबर 2025 में भारत की थोक मुद्रास्फीति (WPI) और गहराई से नकारात्मक दायरे में चली गई, जो सितंबर के -0.13% की तुलना में घटकर -1.21% दर्ज हुई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, ईंधन, बिजली और बेसिक मेटल्स की कीमतों में भारी कमी के कारण हुई है।
थोक मुद्रास्फीति (WPI) क्या है?
- WPI उन कीमतों में बदलाव को मापता है जो थोक स्तर पर, यानी व्यवसायों के बीच लेनदेन में होते हैं।
- यह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) से अलग है, जो खुदरा स्तर पर उपभोक्ताओं द्वारा चुकाई जाने वाली कीमतों में बदलाव को दर्शाता है।
अक्टूबर 2025 WPI डेटा: प्रमुख रुझान
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WPI मुद्रास्फीति दर: -0.13% (सितंबर) से घटकर -1.21%
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WPI फूड इंडेक्स: लगातार दूसरे महीने -5.00% की बड़ी गिरावट
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प्राथमिक लेख (Primary Articles): -6.18% की तीव्र गिरावट
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ईंधन और बिजली (Fuel & Power): -2.55% की डिफ्लेशन
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निर्मित उत्पाद (Manufactured Products): 2.33% (सितंबर) से घटकर 1.54%
ये आंकड़े संकेत देते हैं कि थोक स्तर पर कीमतों में व्यापक कमी हो रही है, जिससे उत्पादन लागत भी प्रभावित हो रही है।
डिफ्लेशन के मुख्य कारण
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सब्जियों एवं अनाज जैसी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेज गिरावट
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वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में कमी, जिससे ऊर्जा और खनिज तेल सेगमेंट प्रभावित
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निर्माण और धातु उत्पादों की कीमतों में नरमी, कमजोर वैश्विक मांग के कारण
खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) से संबंध
अक्टूबर 2025 में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) भी ऐतिहासिक स्तर पर गिरकर 0.25% दर्ज की गई।
WPI और CPI दोनों में गिरावट दिखाती है कि—
- अर्थव्यवस्था में व्यापक स्तर पर मूल्य दबाव कम हो रहा है,
- जिससे उत्पादकों के साथ-साथ उपभोक्ताओं को भी राहत मिल रही है।
स्टैटिक फैक्ट्स
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थोक मुद्रास्फीति (WPI), अक्टूबर 2025: -1.21%
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फूड इंडेक्स डिफ्लेशन: -5.00%
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प्राथमिक लेख डिफ्लेशन: -6.18%
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ईंधन और बिजली डिफ्लेशन: -2.55%
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निर्मित उत्पाद मुद्रास्फीति: 1.54%
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खुदरा मुद्रास्फीति (CPI), अक्टूबर 2025: 0.25%


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