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मार्च 2025 में थोक मुद्रास्फीति घटकर 2.05% रह जाएगी

भारत में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2025 में घटकर 2.05% रह गई, जो फरवरी 2025 में 2.38% थी। यह जानकारी 15 अप्रैल 2025 को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई। मुद्रास्फीति में यह गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों की कीमतों में तीव्र गिरावट के कारण हुई, जिससे सब्जियों में 15.88% की ऋणात्मक मुद्रास्फीति (deflation) दर्ज की गई। हालांकि खाद्य वस्तुओं में कुल मिलाकर मुद्रास्फीति में कमी आई, लेकिन निर्मित उत्पादों की कीमतों में वृद्धि देखी गई। मार्च में निर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 3.07% रही, जो फरवरी में 2.86% थी। आंकड़ों से स्पष्ट है कि मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति मिश्रित रही—एक ओर खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई, वहीं ईंधन, बिजली और निर्मित वस्तुओं जैसे क्षेत्रों में दाम बढ़े।

मुख्य बिंदु

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) मुद्रास्फीति

  • मार्च 2025: 2.05% (फरवरी 2025 के 2.38% से कम)

  • मार्च 2024: 0.26% (साल-दर-साल वृद्धि)

  • यह गिरावट मुख्यतः खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों की कीमतों में कमी के कारण हुई है।

खाद्य मुद्रास्फीति

  • मार्च 2025: 1.57% (फरवरी 2025 में 3.38% थी)

  • प्रमुख कारण: सब्जियों की कीमतों में तीव्र गिरावट

  • सब्जियों में डिफ्लेशन: मार्च में 15.88% (फरवरी में 5.80% था)

निर्मित उत्पाद

  • निर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति मार्च 2025 में बढ़कर 3.07% हो गई, जो फरवरी 2025 में 2.86% थी।

  • वृद्धि के कारण:

    • खाद्य उत्पाद निर्माण

    • वस्त्र निर्माण

    • अन्य विनिर्माण क्षेत्र

ईंधन और ऊर्जा

  • मार्च 2025 में मुद्रास्फीति: 0.20%

  • फरवरी 2025 में: -0.71% (डिफ्लेशन)

  • यह वृद्धि ईंधन और बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी को दर्शाती है।

सब्जियों में डिफ्लेशन

  • मार्च 2025: 15.88%

  • फरवरी 2025: 5.80%

  • सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट ने खाद्य मुद्रास्फीति को काफी हद तक कम किया।

सरकारी दृष्टिकोण

  • उद्योग मंत्रालय ने कहा कि मार्च 2025 में सकारात्मक मुद्रास्फीति दर का मुख्य कारण था:

    • निर्मित खाद्य उत्पाद

    • खाद्य वस्तुएं

    • बिजली

    • वस्त्र

    • अन्य विनिर्मित वस्तुएं

आर्थिक प्रभाव

  • खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट से उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है।

  • जबकि निर्मित उत्पादों और ईंधन/बिजली की कीमतों में वृद्धि इन क्षेत्रों में दबाव का संकेत देती है।

  • समग्र रूप से यह आंकड़े आर्थिक स्थिति की मिली-जुली तस्वीर पेश करते हैं — एक ओर खाद्य क्षेत्र में स्थिरता है, वहीं औद्योगिक क्षेत्रों में चिंता बढ़ रही है।

सारांश/स्थैतिक विवरण
समाचार में क्यों? मार्च 2025 में थोक मुद्रास्फीति घटकर 2.05% हुई
थोक मुद्रास्फीति (WPI) मार्च 2025 में 2.05% (फरवरी 2025 में 2.38% से कम)
खाद्य मुद्रास्फीति मार्च 2025 में 1.57% (फरवरी 2025 में 3.38% से कम)
सब्जियों में डिफ्लेशन मार्च 2025 में -15.88% (फरवरी 2025 में -5.80%)
निर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च 2025 में 3.07% (फरवरी 2025 में 2.86% से अधिक)
ईंधन और बिजली की मुद्रास्फीति मार्च 2025 में 0.20% (फरवरी 2025 में -0.71% की डिफ्लेशन से वृद्धि)
सरकारी दृष्टिकोण खाद्य उत्पाद, वस्त्र, बिजली और विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि से प्रेरित
उपभोक्ताओं पर प्रभाव सब्जियों की कीमतों में गिरावट से खाद्य मुद्रास्फीति में राहत; निर्मित वस्तुएं महंगी
मार्च 2025 में थोक मुद्रास्फीति घटकर 2.05% रह जाएगी |_3.1

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