तुलसी गैबार्ड ने इतिहास रचते हुए अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के रूप में शपथ ली, जिससे वह अमेरिकी खुफिया समुदाय का नेतृत्व करने वाली पहली हिंदू बनीं। अब वह 18 खुफिया एजेंसियों की प्रमुख हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा प्रयासों का समन्वय करती हैं। गैबार्ड, जो एक पूर्व डेमोक्रेटिक कांग्रेसवुमन, इराक युद्ध की अनुभवी और 2020 की राष्ट्रपति उम्मीदवार रही हैं, अपने स्वतंत्र राजनीतिक रुख, भारत से नजदीकी संबंधों और अमेरिकी विदेश नीति की आलोचना के कारण चर्चा में रही हैं।
उनकी नियुक्ति के प्रमुख बिंदु
- सीनेट में 52-48 वोटों से पुष्टि के बाद DNI पद की शपथ ली।
- राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नियुक्त, जिन्होंने 2024 चुनाव जीतने के बाद यह वादा पूरा किया।
- अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का नेतृत्व करने वाली पहली हिंदू और इतिहास में दूसरी महिला।
- पदभार ग्रहण करने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती मिली।
पृष्ठभूमि और राजनीतिक यात्रा
- अमेरिकन समोआ में जन्मीं, हवाई और फिलीपींस में पली-बढ़ीं।
- उनकी मां हिंदू धर्म में परिवर्तित हुईं, जिसके चलते सभी भाई-बहनों के हिंदू नाम हैं।
- अमेरिकी नेशनल गार्ड में सेवा दी, तीन बार युद्ध क्षेत्र में तैनाती हुई।
- 2013-2021 तक हवाई से चार बार कांग्रेसवुमन चुनी गईं।
- 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति चुनाव लड़ा, लेकिन 2022 में पार्टी छोड़ दी और इसे “अभिजात्य” करार दिया।
उनकी नियुक्ति का महत्व
- 18 अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का नेतृत्व कर राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों को समन्वित करेंगी।
- अमेरिकी कांग्रेस में चुनी जाने वाली पहली हिंदू, जिन्होंने भगवद गीता पर शपथ ली।
- भारत-अमेरिका संबंधों की प्रबल समर्थक, मोदी सरकार और हिंदू अमेरिकियों के लिए खुलकर समर्थन।
- अमेरिकी विदेश नीति की आलोचक, खासतौर पर यूक्रेन युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप का विरोध किया।
विवाद और आलोचना
- रूस समर्थक और असद के प्रति झुकाव: 2017 में सीरिया यात्रा के दौरान राष्ट्रपति बशर अल-असद से मुलाकात के लिए आलोचना।
- यूक्रेन युद्ध पर रुख: उन पर रूसी प्रचार को बढ़ावा देने के आरोप लगे।
- NSA व्हिसलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन का समर्थन: इससे उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों को लेकर चिंता बढ़ी।
- अमेरिकी निगरानी कार्यक्रम (सेक्शन 702) का विरोध: जिससे आतंकवादी संचार पर निगरानी रखी जाती है।
- खुफिया अनुभव की कमी: आलोचकों का कहना है कि उनके पास प्रत्यक्ष खुफिया संचालन का कोई अनुभव नहीं है।
भारत और पीएम मोदी से विशेष संबंध
- 2019 के पुलवामा हमले के बाद भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया।
- 2005 में गुजरात दंगों के कारण मोदी का अमेरिकी वीजा प्रतिबंधित करने के फैसले की आलोचना की, इसे “बड़ी गलती” बताया।
- 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया।
- हवाई में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह किया, जिसमें भाजपा नेता राम माधव शामिल हुए और मोदी ने विशेष संदेश भेजा।
मुख्य पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | तुलसी गैबार्ड: पहली हिंदू जो अमेरिका की खुफिया प्रमुख बनीं |
वर्तमान पद | राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) |
नियुक्तकर्ता | राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप |
सीनेट वोट | 52-48 |
धार्मिक पहचान | हिंदू, भगवद गीता पर शपथ ली |
राजनीतिक इतिहास | पूर्व डेमोक्रेट, 2022 में स्वतंत्र उम्मीदवार बनीं |
पूर्व भूमिका | चार बार कांग्रेसवुमन, इराक युद्ध की अनुभवी |
विवाद | असद समर्थक रुख, रूस-यूक्रेन युद्ध पर बयान, एडवर्ड स्नोडेन का समर्थन |
भारत से संबंध | मोदी समर्थक, भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया |