ऑस्ट्रेलिया A$1.7 अरब (US$1.1 अरब) का निवेश कर रहा है, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों में “घोस्ट शार्क” नामक स्वायत्त अंडरसी वाहन (XL-AUVs) का विकास और उत्पादन किया जाएगा। ये मानवरहित पनडुब्बियाँ नौसैनिक अभियानों को नए स्वरूप में ढालने वाली साबित होंगी। इन्हें एंड्यूरिल ऑस्ट्रेलिया द्वारा डिफेन्स साइंस एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप के सहयोग से देश में ही तैयार किया जा रहा है। उम्मीद है कि इनकी पहली बेड़ा (fleet) 2026 की शुरुआत तक नौसेना की सेवा में शामिल हो जाएगा।
घोस्ट शार्क क्या है?
घोस्ट शार्क्स अत्यधिक बड़े स्वायत्त पनडुब्बी वाहन (XL-AUVs) हैं, जिनका आकार बस के बराबर होता है और जो बिना सतह पर आए लंबी दूरी की, गुप्त (stealth) मिशन संचालित करने में सक्षम हैं। ये खुफिया जानकारी एकत्र करने (ISR), निगरानी, टोही और हमले के अभियानों को अंजाम दे सकती हैं और इन्हें तट (shore) या सतही जहाजों से तैनात किया जा सकता है। इनके अभिनव डिज़ाइन में एक “फ्लडेड” इंटीरियर शामिल है, जिसमें पारंपरिक प्रेशर हुल नहीं होता, जिससे सहनशक्ति और गहराई क्षमता में वृद्धि होती है। इनमें मौजूद एंड्यूरिल का लैटिस (Lattice) एआई सिस्टम नेविगेशन, प्रणोदन और मिशन से संबंधित निर्णयों को नियंत्रित करता है।
वे नौसैनिक युद्ध के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
घोस्ट शार्क्स नौसैनिक युद्ध के लिए एक गेम-चेंजर मानी जा रही हैं, क्योंकि ये मानव-संचालित जहाज़ों की तुलना में बहुत कम लागत पर समुद्र के भीतर लगातार मौजूदगी सुनिश्चित करती हैं और ऑस्ट्रेलिया के AUKUS परमाणु-सबमरीन कार्यक्रम में हो रही देरी के बीच अहम परिचालन खाई को भरती हैं। अपनी स्टील्थ क्षमता, लंबी सहनशक्ति और बहु-उद्देश्यीय लचीलापन के साथ ये ऑस्ट्रेलिया की विशाल समुद्री सीमाओं पर निगरानी और हमले की क्षमताओं को मजबूत करती हैं। इनका विकास रोज़गार और औद्योगिक वृद्धि को भी बढ़ावा देता है—इस कार्यक्रम से एंड्यूरिल में 120 से अधिक मौजूदा नौकरियों को समर्थन मिलेगा और 150+ नई कुशल नौकरियां सृजित होंगी, साथ ही 40+ सप्लायर्स में 600 अतिरिक्त रोजगार अवसर पैदा होंगे।


भारतीय सेना ने ब्रह्मोस मिसाइल का सफल पर...
भारत INS अरिदमन को लॉन्च करने की तैयारी ...
भारत-मालदीव संयुक्त सैन्य अभ्यास EKUVERI...

