किसानों को खेती के खर्चों के लिए सस्ता लोन देने के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वेयरहाउसिंग एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के साथ एमओयू किया है। इस एमओयू की मदद से डब्लूडीआरए के साथ रजिस्टर्ड गोदामों से जारी इलेक्ट्रॉनिक निगोशिएबल वेयरहाउस रिसीट पर किसानों को कर्ज दिया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए भी किसान के पास जमीन का होना अनिवार्य है। लेकिन, अब किसान गोदाम में रखी अपनी फसल पर भी कर्ज ले सकेंगे। एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा के अनुसार डब्ल्यूडीआरए के साथ भागीदारी से किसानों को उनकी पैसों से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक वित्त का अतिरिक्त विकल्प देगा।
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इससे क्या होगा फायदा?
बहुत से किसान अपनी फसल को निकालते ही बेचते नहीं है। वे उसका भंडारण कर लेते हैं। कई बार फसल का रेट बढ़ने की उम्मीद में अपनी फसल रोकते हैं तो कई बार सीजन में भाव कम होने के कारण भंडारण किया जाता है। फसल न बेचने के कारण कई बार किसानों को अपनी जरूरतों का पूरा करने के लिए धन की कमी का सामना करना पड़ता है। लेकिन, अब एसबीआई द्वारा भंडारगृहों में भंडारित फसल पर भी लोन देने से किसानों को पैसों की तंगी से नहीं गुजरना होगा।
यह लाभ किसे मिलेगा?
जानकारी के मुताबिक इस स्कीम के तहत सिर्फ उन्हीं किसानों को कर्ज दिया जाएगा जो किसान अपनी फसल का भंडारण करने के लिए वेयरहाउस का इस्तेमाल करेंगे। घर में रखी फसल पर लोन नहीं दिया जाएगा। साथ ही वेयरहाउस भी रजिस्टर्ड होना जरूरी है।
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