भारत में 1 सितम्बर 2025 से चाँदी के आभूषणों और वस्तुओं के लिए HUID (हॉलमार्किंग यूनिक आइडेंटिफिकेशन) आधारित हॉलमार्किंग स्वैच्छिक रूप से लागू की गई है। यह उपभोक्ताओं के लिए चाँदी की शुद्धता और प्रामाणिकता को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की इस पहल का उद्देश्य चाँदी के आभूषणों को उसी तरह के डिजिटल रूप से ट्रैसेबल ढाँचे में लाना है जैसा पहले से सोने की हॉलमार्किंग में अपनाया जा चुका है। इससे खरीदारों को सशक्त बनाया जाएगा और उपभोक्ता हितों की सुरक्षा होगी।
भारत में चाँदी की हॉलमार्किंग का विकास
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चाँदी की हॉलमार्किंग भारत में अक्टूबर 2005 से स्वैच्छिक रूप से शुरू हुई थी, जिसे IS 2112 मानक के तहत नियंत्रित किया गया था।
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BIS की शर्तें पूरी करने वाले ज्वैलर्स को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किए जाते थे, जिससे वे हॉलमार्क वाली चाँदी की ज्वैलरी बेच सकते थे।
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उपभोक्ताओं की पारदर्शिता और गुणवत्ता की बढ़ती मांग को देखते हुए BIS ने मानक को IS 2112:2014 से संशोधित कर IS 2112:2025 कर दिया है।
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इस संशोधन के साथ ही अब चाँदी के आभूषणों के लिए आधिकारिक रूप से HUID आधारित हॉलमार्किंग लागू की गई है।
HUID आधारित हॉलमार्किंग क्या है?
HUID (Hallmarking Unique Identification) एक 6 अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है, जो प्रत्येक हॉलमार्क वाले आभूषण को अलग-अलग पहचान देता है।
इसके फायदे:
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आभूषण की पूर्ण ट्रैसेबिलिटी
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उपभोक्ता BIS Care App के माध्यम से शुद्धता और प्रामाणिकता की जाँच कर सकते हैं
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आभूषण की हॉलमार्किंग की तारीख, शुद्धता और पंजीकरण विवरण की जानकारी मिलती है
नई प्रणाली के तहत चाँदी के प्रत्येक हॉलमार्क वाले आभूषण पर तीन निशान अनिवार्य होंगे:
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BIS स्टैंडर्ड मार्क (साथ में “SILVER” शब्द)
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प्योरिटी ग्रेड (जैसे 925, 958, 999)
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HUID कोड
इससे उपभोक्ता न केवल आभूषण की शुद्धता पर भरोसा कर सकेंगे, बल्कि डिजिटल तरीके से उसकी प्रामाणिकता भी सत्यापित कर पाएंगे।
IS 2112:2014 और IS 2112:2025 के बीच मुख्य अंतर
| विशेषता | IS 2112:2014 | IS 2112:2025 |
| शुद्धता ग्रेड | 800, 835, 900, 925, 970, 990 | 800, 835, 925, 958, 970, 990, 999 (नए ग्रेड: 958 और 999) |
| हॉलमार्क घटक | 4 घटक (BIS मार्क, शुद्धता, AHC ID, ज्वैलर ID) | 3 घटक (BIS मार्क, शुद्धता, HUID कोड) |
| ट्रेसबिलिटी (अनुसरण क्षमता) | मैनुअल या सीमित | डिजिटल – BIS Care App के माध्यम से |
| सत्यापन | स्थानीय/भौतिक | राष्ट्रव्यापी, मोबाइल ऐप आधारित |
भारत में चाँदी के आभूषणों पर HUID आधारित हॉलमार्किंग (2025)
बुनियादी ढाँचा और कार्यान्वयन का पैमाना
साल 2025 तक –
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87 ज़िलों में 230 BIS मान्यता प्राप्त जांच एवं हॉलमार्किंग केंद्र (AHCs) संचालित हो रहे हैं।
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वित्त वर्ष 2024–25 में 32 लाख से अधिक चाँदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की गई।
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BIS Care App के माध्यम से उपभोक्ता HUID कोड स्कैन करके वास्तविक समय में आभूषण की जाँच कर सकते हैं।
ये सभी केंद्र गुणवत्ता नियंत्रण, परीक्षण और हॉलमार्क जारी करने का कार्य करते हैं, जिससे भारत की हॉलमार्किंग प्रणाली को मजबूत आधार मिलता है।
हितधारकों की भागीदारी और जन-जागरूकता
संशोधित हॉलमार्किंग प्रणाली को सुचारु रूप से लागू करने और उसकी समझ बढ़ाने के लिए 7 अगस्त 2025 को BIS ने एक परामर्श बैठक आयोजित की, जिसमें 80 से अधिक प्रतिभागियों (ज्वैलर्स, AHC प्रतिनिधि और उपभोक्ता) ने हिस्सा लिया।
इसके अलावा BIS सक्रिय रूप से –
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अपने शाखा कार्यालयों के माध्यम से जागरूकता अभियान चला रहा है।
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सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर HUID के लाभों का प्रचार कर रहा है।
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ज्वैलर्स और उपभोक्ताओं को नए शुद्धता ग्रेड और हॉलमार्किंग प्रारूप की जानकारी दे रहा है।
परीक्षा हेतु मुख्य बिंदु
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HUID आधारित चाँदी की हॉलमार्किंग स्वैच्छिक रूप से 1 सितंबर 2025 से प्रारंभ हुई।
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IS 2112:2025 मानक ने IS 2112:2014 को प्रतिस्थापित किया।
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HUID कोड के माध्यम से BIS Care App पर डिजिटल सत्यापन संभव है।
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नए शुद्धता ग्रेड जोड़े गए: 958 और 999।
यह बदलाव हॉलमार्किंग संरचना को सरल बनाता है और उपभोक्ताओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाता है।


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