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व्लादिमीर पुतिन दिसंबर में 23वें भारत-रूस सालाना समिट के लिए भारत आएंगे

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4–5 दिसंबर 2025 को 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आएंगे। यह यात्रा दोनों देशों की दीर्घकालिक, भरोसेमंद और बहु-आयामी रणनीतिक साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर होने वाली यह यात्रा 2021 के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी और विशेष रूप से 2022 के रूस–यूक्रेन संघर्ष के बाद पहली उच्चस्तरीय प्रत्यक्ष मुलाकात होगी।

पृष्ठभूमि

भारत और रूस के राजनयिक संबंध 1947 में शुरू हुए और शीत युद्ध के दौरान यह संबंध और गहरे हुए।

  • 2000: दोनों देशों ने रणनीतिक साझेदारी का घोषणा-पत्र अपनाया।

  • 2010: इसे उन्नत कर विशेष और विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया।

वार्षिक शिखर सम्मेलन, जो 2000 से हर वर्ष भारत और रूस में बारी-बारी से आयोजित होते हैं, द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा और भविष्य के लक्ष्यों के निर्धारण का प्रमुख माध्यम हैं।

यात्रा के उद्देश्य

राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा भारत–रूस संबंधों को और सशक्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं—

  • मौजूदा परियोजनाओं और समझौतों की समीक्षा

  • भविष्य की रणनीतिक रोडमैप तैयार करना

  • क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर गहन संवाद

  • रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग को मजबूत करना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में भोज का आयोजन भी करेंगी।

यात्रा का महत्व

यह शिखर सम्मेलन कई कारणों से रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत अहम है—

  • रूस–यूक्रेन संघर्ष के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा

  • भारत की संतुलित विदेश नीति और रणनीतिक स्वायत्तता का प्रदर्शन

  • रक्षा आधुनिकीकरण, ऊर्जा सुरक्षा और अंतरिक्ष सहयोग में रूस की प्रमुख भूमिका

  • बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था, BRICS और SCO जैसे मंचों पर साझा दृष्टिकोण

मुख्य वार्ताएँ एवं अपेक्षित मुद्दे

शिखर वार्ता में निम्नलिखित क्षेत्रों पर विशेष चर्चा होने की संभावना है—

1. रक्षा सहयोग

  • S-400 वायु रक्षा प्रणाली

  • संभावित नई रक्षा खरीद

  • संयुक्त उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी साझाकरण

2. ऊर्जा सहयोग

  • दीर्घकालिक तेल और गैस आपूर्ति

  • परमाणु ऊर्जा, विशेषकर कुडनकुलम परियोजना

3. व्यापार व अर्थव्यवस्था

  • व्यापार लक्ष्‍य: 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर

  • स्थानीय मुद्रा व्यापार (रूबल–रुपया व्यवस्था)

4. विज्ञान–प्रौद्योगिकी व अंतरिक्ष

  • उन्नत अनुसंधान

  • संयुक्त अंतरिक्ष परियोजनाएँ

5. वैश्विक सामरिक मुद्दे

  • यूक्रेन संघर्ष

  • इंडो-पैसिफिक

  • BRICS, SCO, संयुक्त राष्ट्र सुधार

हाल के राजनयिक संपर्क

शिखर सम्मेलन से पहले उच्चस्तरीय वार्ताएँ तेज़ हुईं—

  • 19 नवंबर 2025: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात

  • 18 नवंबर: जयशंकर और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच वार्ता

  • भारत ने रूस में दो नए कॉन्सुलेट जनरल भी खोले

ये विकास गहन तैयारी और सक्रिय कूटनीतिक समन्वय को दर्शाते हैं।

स्थिर तथ्य 

तथ्य विवरण
संबंधों की शुरुआत 1947
रणनीतिक साझेदारी 2000
विशेष व विशेषाधिकृत रणनीतिक साझेदारी 2010
वार्षिक शिखर सम्मेलन 2000 से शुरू
रूस की स्थिति भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता
2024–25 व्यापार 68.7 अरब अमेरिकी डॉलर
2030 का लक्ष्य 100 अरब अमेरिकी डॉलर व्यापार
परमाणु ऊर्जा सहयोग कुडनकुलम सहित कई परियोजनाएँ
साझा मंच BRICS, SCO, G20, UN
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