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2024 की बाढ़ के बावजूद विजयवाड़ा को स्वच्छता के लिए शीर्ष पुरस्कार मिला

शहरी स्वच्छता आज के भारत में विकास का एक महत्वपूर्ण मानक बन चुकी है — न केवल बढ़ती जनसंख्या घनत्व के कारण, बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं के चलते भी। विजयवाड़ा का भारत का चौथा सबसे स्वच्छ शहर बनना और स्वच्छ सर्वेक्षण 2024–25 में ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटी’ के रूप में सम्मानित होना इस बात का प्रमाण है कि अनुशासित प्रशासन, प्रभावी नीतियों का क्रियान्वयन और जनभागीदारी से शहरी रूपांतरण संभव है। यह उपलब्धि और भी विशेष बन जाती है क्योंकि सितंबर 2024 में आई भीषण बाढ़ के बावजूद शहर ने स्थिरता और पुनर्निर्माण का शानदार उदाहरण प्रस्तुत किया।

स्वच्छ सर्वेक्षण और शहरी स्वच्छता अभियानों की पृष्ठभूमि
स्वच्छ सर्वेक्षण, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली एक राष्ट्रीय स्वच्छता रैंकिंग है, जो स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के अंतर्गत शुरू की गई थी। इसकी शुरुआत 2016 में हुई थी और इसमें ठोस कचरा प्रबंधन, नागरिकों की प्रतिक्रिया, खुले में शौच की स्थिति, और नवाचार जैसे कई मापदंडों पर शहरों का मूल्यांकन होता है। हर साल भाग लेने वाले शहरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे प्रतिस्पर्धा भी अधिक होती जा रही है।

विजयवाड़ा, जो आंध्र प्रदेश का एक प्रमुख शहर है, ने निरंतर सुधार दिखाते हुए कचरा प्रबंधन और स्वच्छता के क्षेत्र में उच्च रैंकिंग और स्टार रेटिंग हासिल की है। यह प्रदर्शन ‘कचरा मुक्त शहरों’ और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) जैसे राष्ट्रीय उद्देश्यों से मेल खाता है।

मान्यता का महत्व
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में चौथा स्थान और ‘सुपर स्वच्छ लीग सिटी’ पुरस्कार पाना विजयवाड़ा के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है। इससे यह शहर इंदौर, सूरत, और नवी मुंबई जैसे स्वच्छता में अग्रणी शहरों की श्रेणी में आ गया है। यह पुरस्कार केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि शहर में मजबूत बुनियादी ढांचा, प्रभावी शासन, और सक्रिय नागरिक सहभागिता है।

यह उपलब्धि भारत के नेट ज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य और पेरिस समझौते जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय लक्ष्यों की दिशा में भी योगदान देती है। स्वच्छ शहर न केवल जनस्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, बल्कि पर्यटन और निवेश के लिए भी अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं, जिससे आर्थिक और पारिस्थितिक संतुलन मजबूत होता है।

विजयवाड़ा की स्वच्छता पहल के उद्देश्य

  • 100% डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली की स्थापना

  • कचरे का स्रोत पर ही गीले और सूखे में पृथक्करण

  • जन-जागरूकता और शैक्षिक अभियानों के माध्यम से सामुदायिक नेतृत्व को प्रोत्साहन

  • प्राकृतिक आपदाओं के बाद की सफाई व्यवस्था के ज़रिए आपदा प्रबंधन क्षमता का निर्माण

  • रीसाइक्लिंग, कम्पोस्टिंग और पुन: उपयोग के ज़रिए परिपत्र अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर होना

स्वच्छता रणनीति की मुख्य विशेषताएं

  • सात सितारा कचरा मुक्त रेटिंग: ठोस कचरा पृथक्करण, प्रसंस्करण और शून्य ओपन डंपिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन

  • जनभागीदारी: नागरिक फीडबैक प्लेटफ़ॉर्म, स्कूलों और NGOs की भागीदारी से व्यापक जनसंलग्नता

  • डिजिटल निगरानी: जीपीएस ट्रैकिंग, मोबाइल ऐप्स और रीयल-टाइम डैशबोर्ड के ज़रिए दक्षता में वृद्धि

  • आपदा तत्परता: सितंबर 2024 की बाढ़ के बाद तेज़ सफाई और पुनर्स्थापन कार्यों ने शहर की योजना और तैयारियों को साबित किया

  • अंतर-विभागीय समन्वय: नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, पर्यावरण निकाय और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वित कार्य प्रणाली

इस तरह विजयवाड़ा का यह उदाहरण दर्शाता है कि यदि नीति, प्रौद्योगिकी और जनभागीदारी का समन्वय सही तरीके से किया जाए, तो कोई भी भारतीय शहर स्वच्छता और स्थायित्व की मिसाल बन सकता है।

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