उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हरियाणा के फरीदाबाद में 36वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों को उपहार देते समय स्थानीय रूप से निर्मित हस्तशिल्प वस्तुओं पर विचार करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण से न केवल कई अनूठी कला रूपों के संरक्षण में मदद मिलेगी बल्कि हमारे प्रतिभाशाली कारीगरों और शिल्पकारों की आमदनी में भी काफी वृद्धि होगी।
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मुख्य बिंदु
- उपराष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए सूरजकुंड मेले को भारतीय शिल्प कौशल की अविश्वसनीय विविधता एवं विरासत का अद्भुत प्रदर्शन बताया।
- उन्होंने भारत के शिल्पकारों की रचनात्मकता व प्रतिभा को प्रदर्शित करने तथा उन्हें बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए राज्य सरकार और मेले के आयोजकों की सराहना की।
- धनखड़ ने इस अवसर पर मुद्रा योजना, एक जिला-एक उत्पाद और एकता मॉल जैसे विभिन्न अभिनव प्रयासों का उल्लेख किया।
- उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव माध्यम से भारतीय शिल्प, हथकरघा एवं लोक कला को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- उपराष्ट्रपति ने इस वर्ष के बजट में शिल्पकारों के लिए एक पहल पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इससे हमारे विश्वकर्माओं को उनकी कृतियों की पहुंच और गुणवत्ता का विस्तार करने में सहायता मिलेगी।
- उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की लुक-ईस्ट एंड एक्ट-ईस्ट नीति में उत्तर पूर्वी राज्य बहुत महत्वपूर्ण हितधारक हैं और यह भारत के लिए बहुत प्रभावशाली साबित हो रहा है।
- धनखड़ ने भारत को अवसर तथा निवेश का एक उज्ज्वल स्थान बताते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने में भारत के कारीगरों और शिल्पकारों के योगदान की प्रशंसा की।
- उन्होंने युवाओं को हमेशा ‘भारत पहले’ रखने का आह्वान किया और युवाओं से भारतीय संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों को पढ़ने तथा उनका पालन करने के लिए कहा।
- सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 2023 हरियाणा के सूरजकुंड में 3 से 19 फरवरी 2023 तक खुला रहेगा।