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वाइस एडमिरल मनीष चड्ढा ने भारतीय नौसेना अकादमी की कमान संभाली

भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए), एझिमाला में 1 अगस्त, 2025 को एक बड़ा नेतृत्व परिवर्तन हुआ, जब वाइस एडमिरल मनीष चड्ढा, एवीएसएम, वीएसएम ने वाइस एडमिरल सीआर प्रवीण नायर, एवीएसएम, एनएम का स्थान लेते हुए नए कमांडेंट के रूप में पदभार ग्रहण किया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ आयोजित इस औपचारिक कार्यभार हस्तांतरण ने भारतीय नौसेना के भविष्य के नेतृत्व को आकार देने में अकादमी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।

34 वर्षों की विशिष्ट सेवा वाले अनुभवी अधिकारी

  • 1 जुलाई 1991 को भारतीय नौसेना में कमीशन प्राप्त करने वाले वाइस एडमिरल मनीष चड्ढा तीन दशकों से अधिक के संचालनात्मक और रणनीतिक अनुभव के साथ सेवा में हैं।
  • वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के स्नातक हैं और संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध (Communication and Electronic Warfare) के विशेषज्ञ हैं — जो आधुनिक नौसैनिक युद्ध की एक महत्वपूर्ण शाखा है।
  • उन्होंने आईएनएस मैसूर, आईएनएस वीर और आईएनएस किरपान जैसी अग्रिम पंक्ति की युद्धपोतों की कमान संभाली है और अपनी रणनीतिक दक्षतासशक्त नेतृत्व क्षमता के लिए प्रतिष्ठा प्राप्त की है।

शैक्षणिक और रणनीतिक प्रशिक्षण

वाइस एडमिरल मनीष चड्ढा का सैन्य करियर उच्चस्तरीय पेशेवर शिक्षा से समृद्ध रहा है:

  • वे वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) के पूर्व छात्र हैं, जहाँ उन्होंने संयुक्त सैन्य अभियानों में अपनी दक्षता को निखारा।

  • उन्होंने नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन, अमेरिका से हायर कमांड कोर्स पूरा किया, जिससे उन्हें वैश्विक समुद्री रणनीति और सुरक्षा को समझने का व्यापक दृष्टिकोण प्राप्त हुआ।

INA कमान से पहले प्रमुख नेतृत्व भूमिकाएं

इस नियुक्ति से पूर्व वाइस एडमिरल चड्ढा नौसेना मुख्यालय में सहायक कार्मिक प्रमुख (मानव संसाधन विकास) के पद पर कार्यरत थे।
इस भूमिका में वे प्रशिक्षण और मानव संसाधन विकास से गहराई से जुड़े रहे — जो भारतीय नौसेना अकादमी (INA) के कमांडेंट के रूप में उनकी नई जिम्मेदारी के लिए अत्यंत उपयुक्त अनुभव है। मानव संसाधन प्रबंधन में उनकी विशेषज्ञता यह सुनिश्चित करती है कि INA में समग्र अधिकारी विकास पर सतत ध्यान केंद्रित किया जाए।

भारतीय नौसेना अकादमी का महत्व

₹721 करोड़ की लागत से 2009 में उद्घाटनित, INA भारत का सर्वोच्च नौसेना अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान है। यह अकादमी एझीमाला की पहाड़ियों और काव्वायी बैकवॉटर के बीच स्थित है, और लक्षद्वीप सागर के किनारे 7 किलोमीटर लंबे समुद्र तट से घिरी हुई है। INA, आत्मनिर्भर भारत पहल के अंतर्गत भारत की समुद्री तैयारियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जहाँ भविष्य के नौसेना अधिकारियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह संस्थान हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री उपस्थिति को मज़बूत करने की दिशा में एक रणनीतिक केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त है।

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