उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति और भूमि संबंधी विवादों को रोकने के लिए एक विशेष अभियान ‘Varasat’ (प्राकृतिक उत्तराधिकार) की शुरूआत की है। यह राज्य में शुरू किया गया अपनी तरह का पहला अभियान है जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि से संबंधित मुद्दों को समाधान करना और भू-माफियाओं द्वारा उत्तराधिकार अधिकारों पर ग्रामीणों के शोषण को खत्म करना है, जो आमतौर पर विवादित संपत्तियों को टारगेट बनाते हैं। दो महीने तक चलने वाला यह विशेष अभियान 15 फरवरी 2020 तक जारी रहेगा।
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Varasat स्कीम की मुख्य विशेषता
- अभियान के तहत, ग्रामीणों को अपनी वारासत के पंजीकरण के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सुविधाएं मिलेंगी।
- गाँव के लोग जिनके पास जमीन है लेकिन वे कहीं ओर रहते हैं, उनके लिए तहसील स्तर पर एक विशेष काउंटर खोला जाएगा जहाँ वे इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
योजना के लाभ:
- लोगों को उनकी जमीन जायदाद के लिए उचित कागजात मिलेंगे.
- वे बैंकों से भी ऋण ले सकते हैं.
- यह परिवारों और रिश्तेदारों के भीतर विवाद और दुश्मनी को कम करने में मददगार होगा.
- ग्रामीणों को मुकदमों का सामना करने से भी छुटकारा मिलेगा, जो कभी-कभी पीढ़ियों के लिए निशान बन जाते हैं.
- ऐसी भूमि से संबंधित सभी जानकारी को राजस्व बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, जिसके आधार पर योजना की प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
- उत्तर प्रदेश की राजधानी: लखनऊ
- उत्तर प्रदेश के राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ