भारत के वैश्विक आर्थिक मंचों पर बढ़ते प्रभाव को दर्शाते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में कार्यकारी निदेशक (Executive Director) नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 28 अगस्त 2025 को औपचारिक रूप से घोषित की गई। यह पटेल की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय जगत में वापसी है, जहाँ अब उनके पास और अधिक अनुभव और ज़िम्मेदारी होगी।
नियुक्ति का विवरण
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तिथि: 28 अगस्त 2025
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पद: कार्यकारी निदेशक, IMF
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कार्यकाल: 3 वर्ष
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पटेल IMF बोर्ड में भारत और अपने निर्वाचन क्षेत्र के अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करेंगे।
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यह भारत के लिए बहुपक्षीय वित्तीय संस्थानों में एक और उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय नियुक्ति है।
पेशेवर पृष्ठभूमि
उर्जित पटेल का करियर विविध अनुभवों से भरा रहा है।
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24वें RBI गवर्नर रहे (4 सितंबर 2016 – 10 दिसंबर 2018)
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IMF में पूर्व में भारत, अमेरिका, बहामास और म्यांमार जैसे देशों में भूमिकाएँ निभाईं
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निजी क्षेत्र की परामर्श कंपनियों में कार्य किया
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केंद्र और राज्य स्तर की आर्थिक सलाहकार संस्थाओं में योगदान दिया
कार्यकाल के प्रमुख घटनाक्रम
1. नोटबंदी (Demonetisation)
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गवर्नर बनने के कुछ ही महीनों बाद नवंबर 2016 की नोटबंदी का सामना करना पड़ा।
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यह एक बड़ा वित्तीय सुधार था जिसने RBI की तैयारी और प्रबंधन क्षमता की परीक्षा ली।
2. वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू करना
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2017 में GST लागू होने की प्रक्रिया के दौरान RBI का नेतृत्व किया।
3. RBI–सरकार टकराव
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उनके कार्यकाल का अंत केंद्र सरकार और RBI के बीच लंबे समय तक चले विवाद के बीच हुआ।
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प्रमुख मुद्दे थे:
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RBI की स्वायत्तता
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केंद्र को अधिशेष भंडार (₹3.6 लाख करोड़) स्थानांतरित करने का प्रश्न
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उर्जित पटेल की यह नई भूमिका भारत की आर्थिक कूटनीति को और मज़बूती देगी तथा IMF जैसे वैश्विक संस्थानों में भारत की आवाज़ को और सशक्त बनाएगी।


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