भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर चुका है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2 अगस्त को UPI ने पहली बार 707 मिलियन दैनिक लेनदेन का आंकड़ा पार कर लिया। यह रिकॉर्ड देश के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ी छलांग है, जिसका हाल के वर्षों में तेज़ी से विस्तार हुआ है।
UPI की वर्तमान स्थिति:
भारत में कुल डिजिटल लेन-देन का 85% हिस्सा अब UPI के माध्यम से होता है
दुनिया भर में किए गए तत्काल डिजिटल भुगतान का लगभग 50% अकेले भारत में UPI के जरिए हो रहा है
यह आंकड़े भारत को रियल-टाइम भुगतान के क्षेत्र में दुनिया के विकसित देशों से आगे दिखाते हैं।
इसकी सफलता के प्रमुख कारण:
बैंक और ऐप्स के बीच इंटरऑपरेबिलिटी (अंतर-संचालन)
क्यूआर कोड आधारित भुगतान
व्यापारी के लिए शून्य शुल्क
सरल इंटरफेस और तेज़ प्रक्रिया
सस्ते स्मार्टफोन
डिजिटल जागरूकता अभियान
सरल एप्लिकेशन अनुभव
इन सबके चलते यूपीआई का उपयोग अब पहली बार इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं तक भी पहुंच चुका है।
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