नवाचार और डिजिटल तकनीक के माध्यम से कृषि में क्रांति लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान और शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने 9 जुलाई 2025 को मेरठ स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (SVPUAT) में उत्तर प्रदेश एग्रीटेक इनोवेशन हब तथा एग्रीटेक स्टार्टअप और टेक्नोलॉजी शोकेस का उद्घाटन किया।
यह पहल एक सहयोगात्मक मंच के रूप में कल्पित की गई है, जो किसानों, तकनीकी विशेषज्ञों, स्टार्टअप्स और अकादमिक संस्थानों को जोड़कर क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुसार टिकाऊ कृषि समाधान प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।
किसानों को सशक्त बनाना
आगामी पीढ़ी की तकनीक के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने की दिशा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एसवीपीयूएटी द्वारा भारतीय कृषि की भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए पाठ्यक्रम की सराहना की। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विकसित भारत का सपना तब तक साकार नहीं हो सकता जब तक हमारे किसान समृद्ध न हों और ग्रामीण समुदाय सशक्त न हों।
प्रधान ने कहा कि भारत का दिल उसकी धरती और खेतों में धड़कता है। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही भारत की सेवा क्षेत्र (services sector) को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली हो, लेकिन कृषि देश की आत्मा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि जब कृषि में नवाचार परंपरा के साथ जुड़े और तकनीक से सशक्त हों, तो वे आत्मनिर्भर और टिकाऊ ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ओर ले जाते हैं।
एग्रीटेक हब: कृषि में तकनीकी छलांग
नवप्रारंभित एग्रीटेक इनोवेशन हब अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है, जिनमें शामिल हैं:
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IoT-सक्षम सेंसर
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स्मार्ट सिंचाई प्रणाली
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स्वचालन उपकरण (Automation Tools)
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रियल-टाइम डेटा एनालिटिक्स प्लेटफ़ॉर्म
ये तकनीकें सटीक कृषि (Precision Farming) को संभव बनाएंगी, जलवायु-प्रतिरोधी खेती को बढ़ावा देंगी, लागत घटाएंगी और पैदावार अधिकतम करने में मदद करेंगी।
यह हब स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के सहयोग से व्यावहारिक और बड़े स्तर पर अपनाए जा सकने वाले समाधान तैयार करने का प्रयास करेगा। यह भारत की कृषि को आधुनिक बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो पारिस्थितिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी संरक्षित करता है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: IIT रोपड़ की रणनीतिक भूमिका
यह पहल केंद्रीय बजट के तहत वित्तपोषित एग्रीकल्चर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का हिस्सा है, जिसमें IIT रोपड़ प्रमुख तकनीकी साझेदार है। संस्थान निम्न योगदान देगा:
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अपने साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (CPS) लैब से तकनीकी सहायता और बुनियादी ढांचा
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कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और क्लाउड कंप्यूटिंग में विशेषज्ञता
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परियोजना हेतु ₹75 लाख का वित्तीय योगदान
इसी कार्यक्रम के दौरान SVPUAT और IIT रोपड़ के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को औपचारिक रूप प्रदान किया गया।
मॉडल स्मार्ट फ़ार्म और तकनीकी प्रदर्शनी
SVPUAT के मॉडल स्मार्ट फ़ार्म में एक तकनीकी प्रदर्शन सत्र आयोजित किया गया, जिसमें निम्नलिखित तकनीकों का प्रदर्शन किया गया:
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उन्नत सिंचाई स्वचालन प्रणाली
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मृदा नमी सेंसर
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मौसम से जुड़ी सलाह प्रणाली
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20 स्टार्टअप्स द्वारा विकसित एग्रीटेक समाधान
आधुनिक तकनीकों जैसे प्राकृतिक खेती, शून्य बजट कृषि, और डेटा-आधारित खेती को अपनाने वाले प्रगतिशील किसानों को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
स्टार्टअप्स, स्किलिंग और भविष्य की तैयारी
इस आयोजन में शामिल थे:
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20 एग्रीटेक स्टार्टअप्स द्वारा विघटनकारी तकनीकों की प्रदर्शनी
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आगामी स्टार्टअप इनक्यूबेशन और स्किलिंग कार्यक्रमों की घोषणाएं
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किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) के साथ क्षमता निर्माण पर संवाद
प्रशिक्षण सत्र, क्षेत्रीय भ्रमण और प्रायोगिक लर्निंग मॉड्यूल्स के माध्यम से प्रयोगशालाओं से खेत तक तकनीक के सफल हस्तांतरण को सुनिश्चित किया जाएगा।
भारत की कृषि परंपरा से जुड़ा एक भविष्यदृष्टि युक्त कदम
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सरदार वल्लभभाई पटेल और चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि किसानों की आय को दोगुना करना और कृषि आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा चुनौतियों और जलवायु परिवर्तन के बीच, भारत को प्राकृतिक व रसायन-मुक्त खेती की ओर बढ़ने के साथ-साथ रीयल-टाइम तकनीकी समाधान भी देने होंगे।
यह एग्रीटेक हब इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो हमारे “अन्नदाता” को “टेक-डाटा सशक्त नवप्रवर्तक” में परिवर्तित करने की दिशा में अग्रसर है।


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