
कनाडा के मांट्रियल शहर में लगभग दो सप्ताह चलने वाला जैव विविधता पर सम्मेलन (सीओपी 15) शुरू हुआ। सम्मेलन में भारत सहित 196 देशों के करीब 20 हजार प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। प्रतिभागियों में मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और संगठनों के पदाधिकारी शामिल हैं। सम्मेलन में प्रकृति को हो रहे नुकसान को रोकने हेतु कार्य योजना बनाने पर विचार होगा। इस कार्ययोजना को 2030 तक पूरा करने के लिए समझौता होगा।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
नवंबर में मिस्त्र में हुए अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन के बाद पर्यावरण सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र के यह दूसरा बड़ा प्रयास है। 19 दिसंबर तक चलने वाले इस सम्मेलन में वायुमंडल में रहने वाले सभी जीवधारियों के संरक्षण की रूपरेखा बनाई जाएगी जिससे प्रकृति का क्षरण रुके। सम्मेलन में 2030 तक 30 प्रतिशत भूमि और समुद्री पर्यावरण को संरक्षित करने पर विचार होगा। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि प्रकृति खतरे में है। इस पर लगातार हमले हो रहे हैं। विश्व में इस समय जो कुछ हो रहा है, अच्छा नहीं हो रहा है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि कनाडा प्रकृति में सुधार और जैव विविधता के विकास में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है। उनका देश प्रकृति के 30 प्रतिशत हिस्से को संरक्षित करने के प्रस्ताव का समर्थन करता है। कनाडा ने पर्यावरण सुधार के प्रयासों के लिए विकासशील देशों को 30 करोड़ डालर की सहायता का भी घोषणा किया है।



World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्य...
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिह...
संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, को...

