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यूके-भारत मुक्त व्यापार समझौता: किसे लाभ, क्या हुआ सस्ता, और आप पर क्या असर पड़ेगा!

हाल ही में 24 जुलाई 2025 को हस्ताक्षरित भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक परिवर्तनकारी क्षण को दर्शाता है। इस समझौते के तहत कई उत्पादों पर शुल्क कम या समाप्त कर दिए जाएंगे, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए कई आयातित वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, वहीं भारतीय निर्यात को भी नया प्रोत्साहन मिलेगा। प्रमुख वस्तुओं जैसे स्कॉच व्हिस्की, ब्रिटिश लग्ज़री कारें, चॉकलेट और कॉस्मेटिक्स की कीमतों में समय के साथ उल्लेखनीय गिरावट देखने को मिलेगी। यह समझौता दोनों देशों के उपभोक्ताओं, उद्योगों और रोजगार के क्षेत्र के लिए लाभकारी साबित होने की उम्मीद है।

एफटीए (मुक्त व्यापार समझौते) को लेकर वार्ताएं जनवरी 2022 में शुरू हुई थीं, और तीन वर्षों से अधिक चली चर्चाओं और कई दौर की कूटनीतिक बैठकों के बाद इसे जुलाई 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूके यात्रा के दौरान आधिकारिक रूप से हस्ताक्षरित किया गया। इस एफटीए को भारत का अब तक का सबसे व्यापक व्यापार समझौता और ब्रेक्ज़िट के बाद यूके का सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय व्यापार समझौता माना जा रहा है।

समझौते का महत्व
यह समझौता यूके को होने वाले 99% भारतीय निर्यातों पर शुल्क समाप्त कर देता है।
भारतीय उपभोक्ताओं के लिए स्कॉच व्हिस्की, लग्ज़री कारें, चॉकलेट और मेडिकल उपकरण जैसी उच्च श्रेणी की आयातित वस्तुएं अधिक सुलभ हो जाएंगी।
अनुमान के अनुसार, यह समझौता यूके की जीडीपी में सालाना £4.8 बिलियन ($6.5 बिलियन) का इजाफा करेगा।
इसका उद्देश्य 2030 तक भारत से यूके को होने वाले निर्यात को दोगुना करना है।

उद्देश्य
इस समझौते के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • वस्तुओं और सेवाओं तक सुलभ और किफायती पहुंच को बढ़ावा देना।

  • निवेश और नवाचार को प्रोत्साहित करना।

  • दोनों देशों के एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) और निर्यातकों को समर्थन देना।

  • कुशल पेशेवरों की अस्थायी आवाजाही को सुगम बनाना।

  • गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना और बाजार तक पहुंच में सुधार करना।

भारतीयों के लिए क्या होगा सस्ता?

  1. स्कॉच व्हिस्की और जिन

    • स्कॉच व्हिस्की और जिन पर वर्तमान 150% आयात शुल्क को घटाकर पहले चरण में 75% किया जाएगा और अगले 10 वर्षों में इसे 40% तक लाया जाएगा।

    • इससे डियाजियो जैसे प्रीमियम ब्रांड्स को बड़ा लाभ मिलेगा।

  2. ब्रिटिश लग्ज़री कारें

    • यूके में बनी कारों पर वर्तमान में 100% से अधिक आयात शुल्क है, जिसे कोटा आधारित प्रणाली के तहत घटाकर 10% किया जाएगा।

    • जगुआर लैंड रोवर और एस्टन मार्टिन जैसे निर्माताओं को सीधा लाभ होगा।

  3. चॉकलेट, बिस्किट और सैल्मन मछली

    • ब्रिटिश निर्मित चॉकलेट, बिस्किट और सैल्मन पर शुल्क में कमी से ये उत्पाद भारतीय सुपरमार्केट्स में सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे।

  4. कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर उत्पाद

    • ब्रिटिश ब्रांड्स से आने वाले सौंदर्य प्रसाधन और स्किनकेयर उत्पादों पर शुल्क में कटौती की जाएगी, जिससे इनकी कीमतें घटेंगी।

  5. चिकित्सा उपकरण

    • यूके में निर्मित चिकित्सा उपकरणों और डायग्नोस्टिक उपकरणों तक सस्ता और आसान पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।

भारत में किसे मिलेगा लाभ?

  1. वस्त्र एवं चमड़ा निर्यातक

    • परिधान, होम टेक्सटाइल और चमड़े के सामानों पर यूके द्वारा लगाए गए शुल्क (जो कि 12% तक थे) हटाए जाने से भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और रोज़गार के नए अवसर बनेंगे।

  2. रत्न एवं आभूषण क्षेत्र

    • सोना, हीरे और आभूषणों पर शून्य शुल्क से भारतीय निर्यातकों को लाभ मिलेगा और भारतीय कारीगरी को वैश्विक मंच पर बढ़ावा मिलेगा।

  3. कृषि, फार्मा एवं प्रोसेस्ड फूड

    • चावल, मसाले, झींगा, चाय और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर शुल्क में कटौती से इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा।

    • भारतीय फार्मा कंपनियों को यूके बाज़ार में प्रवेश और आसान होगा।

  4. इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन

    • ईवी और हाइब्रिड वाहन निर्माताओं को कोटा आधारित प्रणाली के तहत प्राथमिकता मिलेगी।

    • टाटा मोटर्स, महिंद्रा इलेक्ट्रिक और भारत फोर्ज जैसी कंपनियों को इससे सीधा लाभ होगा।

  5. पेशेवर एवं कुशल कार्यकर्ता

    • भारतीय पेशेवरों (जैसे शेफ, योग प्रशिक्षक, संगीतकार आदि) के लिए वीज़ा और वर्क परमिट प्रक्रियाएं सरल होंगी।

    • यूके में काम करने वाले भारतीयों को तीन साल तक सोशल सिक्योरिटी से छूट मिलेगी, जिससे हर साल लगभग ₹4,000 करोड़ की बचत होगी।

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