भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अगस्त 2025 में 221 करोड़ आधार प्रमाणीकरण लेन-देन दर्ज किए। यह उपलब्धि भारत में डिजिटल गवर्नेंस और सुरक्षित पहचान सत्यापन की दिशा में तेजी से हो रहे बदलाव को दर्शाती है। यह रिकॉर्ड इस बात का प्रमाण है कि आधार अब भी कल्याणकारी योजनाओं, ई-गवर्नेंस और सार्वजनिक व निजी सेवाओं की आसान पहुँच में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है।
आधार: भारत की डिजिटल पहचान व्यवस्था की रीढ़
आधार एक बायोमेट्रिक सत्यापित विशिष्ट पहचान संख्या है, जो एक अरब से अधिक नागरिकों को प्रदान की गई है। आधार प्रमाणीकरण लेन-देन का महत्व मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में है:
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सब्सिडी वितरण – जैसे एलपीजी (PAHAL), सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS), और मनरेगा (MNREGA)
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बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं की पहुँच
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मोबाइल सिम जारी करना, पासपोर्ट आवेदन और पेंशन सत्यापन
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निजी सेवाओं के लिए स्वैच्छिक पहचान सत्यापन
अगस्त 2025 के 221 करोड़ प्रमाणीकरण लेन-देन जनता के भरोसे और आधार की व्यापक स्वीकार्यता को दर्शाते हैं।
एआई आधारित फेस ऑथेंटिकेशन में रिकॉर्ड वृद्धि
विभिन्न प्रमाणीकरण तरीकों में, फेस ऑथेंटिकेशन में अगस्त 2025 में सबसे अधिक उछाल देखा गया, जहाँ 18.6 करोड़ लेन-देन पूरे किए गए। यह एआई-संचालित तकनीक उपयोगकर्ताओं को चेहरे की स्कैनिंग के माध्यम से पहचान सत्यापित करने की सुविधा देती है। इसके लाभ हैं:
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बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए आसान उपयोग
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टच-फ्री सत्यापन, जो स्वास्थ्य-सचेत सेवाओं के अनुरूप है
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उन्नत फेस रिकग्निशन एल्गोरिद्म से बेहतर सुरक्षा और धोखाधड़ी की रोकथाम
यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि भारत अब बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण 2.0 की ओर बढ़ रहा है, जहाँ एआई और ऑटोमेशन अहम भूमिका निभा रहे हैं।
डिजिटल अर्थव्यवस्था और भविष्य की दिशा
आधार का बढ़ता उपयोग भारत के डिजिटल अर्थव्यवस्था के लक्ष्यों को मजबूत करता है। भविष्य में UIDAI की आधार-आधारित व्यवस्था:
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फिनटेक, हेल्थटेक और एडटेक प्लेटफ़ॉर्म से गहराई से एकीकृत होगी
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एआई आधारित दस्तावेज़ सत्यापन को बढ़ावा देगी
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अंतरराष्ट्रीय डिजिटल पहचान मानकों और क्रॉस-बॉर्डर डिजिटल पहलों में योगदान देगी
इस प्रकार, आधार भारत में सुरक्षित और समावेशी डिजिटल परिवर्तन का आधार स्तंभ बना रहेगा।
परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु
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संस्था: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI)
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प्रकार: वैधानिक प्राधिकरण
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स्थापना: आधार अधिनियम, 2016
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नियामक मंत्रालय: इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार
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दृष्टि: हर निवासी को विशिष्ट पहचान प्रदान करना और कभी भी, कहीं भी उपलब्ध डिजिटल प्रमाणीकरण प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध कराना


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