जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (TRIFED), जो जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत आता है, ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) और हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम लिमिटेड (HPMC) के साथ महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते 24 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में आयोजित आदि महोत्सव कार्यक्रम के दौरान किए गए। इनका उद्देश्य जनजातीय विपणन को बिजनेस-टू-कंज़्यूमर (B2C) मॉडल से व्यापक बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) मॉडल में बदलना है, जिससे जनजातीय कारीगरों और उत्पादकों को अधिक बाजार अवसर मिल सकें।
NIFT के सहयोग से जनजातीय कारीगरों को क्या लाभ होगा?
TRIFED और NIFT की साझेदारी का मुख्य उद्देश्य जनजातीय हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के डिज़ाइन और प्रस्तुति को बेहतर बनाना है। NIFT, जो भारत का अग्रणी फैशन और डिज़ाइन संस्थान है, इन उत्पादों की सौंदर्यात्मकता और बाज़ारीकरण को बढ़ाने में मदद करेगा। इसके माध्यम से जनजातीय कारीगर आधुनिक डिज़ाइन तकनीकों, ब्रांडिंग और उत्पाद प्रस्तुति में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उनके उत्पाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।
HPMC जनजातीय उद्यमिता को कैसे बढ़ावा देगा?
HPMC के साथ समझौता मुख्य रूप से बागवानी और लघु वन उत्पादों के प्रसंस्करण और तकनीकी उन्नयन पर केंद्रित है। TRIFED का लक्ष्य कच्चे जनजातीय उत्पादों में मूल्य संवर्धन करना है, ताकि उनकी गुणवत्ता और शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सके। HPMC अपने बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वर्षों के अनुभव के साथ जनजातीय किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, जिससे उनके उत्पाद बड़े वितरण नेटवर्क में शामिल हो सकें। यह सहयोग लघु वन उपज और कृषि से जुड़े जनजातीय किसानों की आय में वृद्धि करेगा।
यह पहल जनजातीय समुदायों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
इन समझौतों के माध्यम से TRIFED जनजातीय उत्पादों को मुख्यधारा के बाज़ारों में एकीकृत कर रहा है। B2B मॉडल अपनाने से जनजातीय उत्पाद थोक खुदरा और कॉर्पोरेट आपूर्ति श्रृंखलाओं में स्थान पा सकेंगे। इस समझौते पर हस्ताक्षर आदि महोत्सव में किए गए, जो एक राष्ट्रीय स्तर का आयोजन है और 16-24 फरवरी 2025 तक मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया, जो सरकार की जनजातीय सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संबंधित संगठन:
- TRIFED: जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन एक सरकारी निकाय, जो जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विपणन पहल को बढ़ावा देता है।
- NIFT: 1986 में स्थापित, भारत का प्रमुख फैशन शिक्षा, डिज़ाइन और प्रौद्योगिकी संस्थान।
- HPMC: 1974 में स्थापित, हिमाचल प्रदेश में बागवानी विपणन और प्रसंस्करण को समर्थन देने वाला प्रमुख संगठन।
प्रमुख पहलू | विवरण |
क्यों चर्चा में? | TRIFED ने NIFT और HPMC के साथ जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए। |
समझौते की तारीख | 24 फरवरी 2025 |
कार्यक्रम | आदि महोत्सव, नई दिल्ली (16-24 फरवरी 2025) |
उद्देश्य | जनजातीय विपणन को B2C से B2B मॉडल में स्थानांतरित करना और बाजार पहुंच का विस्तार करना। |
NIFT के साथ सहयोग | जनजातीय हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों के डिज़ाइन और प्रस्तुति में सुधार कर उनकी बाज़ारीकरण क्षमता बढ़ाना। |
HPMC के साथ सहयोग | बागवानी और लघु वन उत्पादों के प्रसंस्करण और तकनीकी सुधार में सहयोग। |
मुख्य प्रतिभागी | TRIFED के प्रबंध निदेशक श्री आशीष चटर्जी, NIFT की महानिदेशक सुश्री तनु कश्यप |
उद्घाटनकर्ता | राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू |
अपेक्षित प्रभाव | जनजातीय कारीगरों की आय में वृद्धि, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, और बेहतर बाजार पहुंच। |