वर्ष 2024-25 में वैश्विक सैन्य खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जहां कई देशों ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का बड़ा हिस्सा रक्षा क्षेत्र में आवंटित किया। इस सूची में भारत ने दुनिया के पाँचवे सबसे बड़े सैन्य खर्च करने वाले देश के रूप में अपनी जगह मजबूत की, जो उसकी बढ़ती रणनीतिक और रक्षा क्षमताओं का संकेत है। यह लेख वर्ष 2024-25 में विभिन्न देशों के सैन्य खर्च की स्थिति पर प्रकाश डालता है, भारत की भूमिका को रेखांकित करता है और वैश्विक रक्षा व्यय में उभरते रुझानों का विश्लेषण करता है।
2024 में वैश्विक सैन्य खर्च का विस्तृत विवरण
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संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिका)
दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य खर्च करने वाला देश, अमेरिका ने 2024 में $997 बिलियन खर्च किए, जो वैश्विक सैन्य खर्च का 37% है। यह उसकी सैन्य प्रधानता और रक्षा प्रौद्योगिकी में निवेश को दर्शाता है। -
चीन
$314 बिलियन के खर्च के साथ चीन दूसरा सबसे बड़ा सैन्य खर्चकर्ता रहा, जो वैश्विक रक्षा व्यय का 12% है। यह खर्च विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में उसके बढ़ते भू-राजनीतिक प्रभाव को दर्शाता है। -
रूस
आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, रूस ने $149 बिलियन का सैन्य खर्च किया, जो वैश्विक सैन्य व्यय का 5.5% है। यूक्रेन युद्ध सहित जारी संघर्षों के चलते इसका रक्षा बजट लगातार बढ़ा है। -
जर्मनी
जर्मनी का रक्षा बजट 28% बढ़कर $88.5 बिलियन तक पहुँच गया, जिससे वह चौथे स्थान पर रहा। यह वृद्धि यूरोप में सुरक्षा चिंताओं, विशेषकर रूस की आक्रामकता के कारण हुई है। -
भारत
भारत ने $86.1 बिलियन का रक्षा खर्च किया, जो उसे दुनिया का पाँचवां सबसे बड़ा सैन्य खर्चकर्ता बनाता है। इसमें 1.6% की वार्षिक वृद्धि हुई है, जो जटिल सुरक्षा माहौल में उसके आधुनिकीकरण की आवश्यकता को दर्शाता है। भारत का सैन्य खर्च अब पाकिस्तान की तुलना में नौ गुना अधिक है, जो दोनों देशों के बीच रक्षा क्षमताओं के अंतर को स्पष्ट करता है। -
यूनाइटेड किंगडम (यूके)
यूके ने 2024 में $81.8 बिलियन रक्षा पर खर्च किए, जो वैश्विक सैन्य खर्च का 3% है। वह शीर्ष सैन्य खर्चकर्ताओं में बना हुआ है। -
सऊदी अरब
आर्थिक दबावों के बावजूद सऊदी अरब ने $80.3 बिलियन का सैन्य खर्च किया। यह क्षेत्रीय अस्थिरता को लेकर उसकी रणनीतिक चिंताओं को दर्शाता है। -
यूक्रेन
यूक्रेन का रक्षा बजट 34% बढ़कर $64.7 बिलियन हो गया, जो रूस के साथ जारी युद्ध के कारण है। यह वृद्धि रक्षा आधुनिकीकरण की तत्काल आवश्यकता को दर्शाती है। -
फ्रांस
फ्रांस का सैन्य खर्च स्थिर रहा और $64.7 बिलियन पर बना रहा। यह यूरोप और अफ्रीका में उसके रणनीतिक हितों का प्रतिबिंब है। -
जापान
जापान ने 2024 में $55.3 बिलियन का रक्षा खर्च किया, जो उसके सकल घरेलू उत्पाद का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति के मद्देनज़र क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के अनुरूप है।
मुख्य निष्कर्ष:
भारत का सैन्य खर्च
भारत ने $86.1 बिलियन खर्च करते हुए वैश्विक रैंकिंग में पाँचवां स्थान प्राप्त किया है। यह 2023 की तुलना में 1.6% की वृद्धि है और भारत अब वैश्विक सैन्य खर्च का 3.2% योगदान देता है।
वैश्विक प्रवृत्तियाँ
2024 में वैश्विक सैन्य खर्च में तीव्र वृद्धि देखी गई, जिसका प्रमुख कारण बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव हैं। यूरोप और मध्य पूर्व में सबसे अधिक रक्षा बजट वृद्धि दर्ज की गई।
क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताएँ
अमेरिका, चीन और रूस जैसे देश अब भी सैन्य खर्च में अग्रणी हैं, जबकि पूर्वी यूरोप (यूक्रेन) और इंडो-पैसिफिक क्षेत्रों में उभरते खतरों ने भारत और जापान जैसे देशों को अपनी रक्षा क्षमताएँ बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।