भोपाल में जी-20 के तहत टी-(थिंक-20) की दो दिनी बैठक का समापन हो गया। बैठक में भारत समेत 22 देशों से सैकड़ों प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में भाग लेने आए बांग्लादेश सरकार के सेंटर फॉर पॉलिसी डायलॉग (CPD) के फैलो देवोप्रिया भट्टाचार्य ने रोहिंग्याओं की वापसी के लिए भारत समेत यूनाइटेड नेशंस से मदद मांगी। दक्षिण एशिया में यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक, जॉर्ज लारिया-अदजेई ने कहा, “एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य का जी-20 विजन है कि, व्यक्तियों और राष्ट्रों की मस्तिष्क शक्ति या संज्ञानात्मक क्षमताओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्य बिंदु
- G-20 के थिंक-20 समूह के तहत, बैठक का व्यापक विषय “पर्यावरण सम्मत जीवन शैली, नैतिक मूल्य तथा सुमंगलमय युक्त वैश्विक सुशासन” रखा गया है।
- थिंक-20 में उठाए जाने वाले विषयों को दो प्लेनरी सेशन और राउंड टेबल मीटिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- प्रथम प्लेनरी सेशन में ‘रोल ऑफ ट्राइएंगुलर कॉ-ऑपरेशन इन लोकलाइजेशन ऑफ एसडीजी’ विषय पर चर्चा की गई, वहीं द्वितीय प्लेनरी सेशन में ‘न्यू कॉम्पलीमेंट्रीज इन ट्रेड एण्ड वैल्यू चेन्स’ विषय पर चर्चा की गई।
- इसके साथ ही ‘ग्लोबल साउथ एण्ड ग्लोबल गवर्नेंस फॉर लाइफ’ पर राउंड टेबल मीटिंग का भी आयोजन किया गया।
- 17 जनवरी को बैठक के समापन के पश्चात G-20 देशों के प्रतिनिधियों ने मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सांची स्थित बौद्ध स्तूप का भ्रमण किया।
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भोपाल में सोमवार से G-20 के तहत थिंक-20 कार्यक्रम की दो दिवसीय बैठक का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उद्घाटन किया था। यह कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में हो रहा था। कार्यक्रम में 22 देशों से आए 94 मेहमानों समेत कुल 300 सदस्यों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेहमानों से कहा, केवल मीटिंग में मत रहना, घूमना-फिरना भी। भोपाल और आसपास ट्राइबल म्यूजियम, सांची, भीमबेटका घूमें। समय हो तो उज्जैन में महाकाल लोक, ओंकारेश्वर भी जाएं। मप्र में 11 टाइगर सेंक्चुरी हैं। मुख्यमंत्री ने भारतीय विचार ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का जिक्र करते हुए कहा यही विचार दुनिया को शांति की ओर ले जा सकता है।
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