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सुजुकी 2031 तक भारत में ₹70,000 करोड़ का निवेश करेगी

सुज़ुकी मोटर कॉरपोरेशन ने भारत में अगले पाँच से छह वर्षों में 70,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। यह कदम विश्व के तीसरे सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाज़ार के प्रति कंपनी की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को मज़बूत करता है। यह घोषणा सुज़ुकी के अध्यक्ष तोशिहिरो सुज़ुकी ने गुजरात के हंसलपुर संयंत्र में मारुति सुज़ुकी की पहली इलेक्ट्रिक एसयूवी ई-विटारा (e-Vitara) के शुभारंभ अवसर पर की। यह भारत की हरित गतिशीलता (Green Mobility) की दिशा में एक अहम पड़ाव माना जा रहा है।

भारत के ऑटो भविष्य को गति देगा 70,000 करोड़ का निवेश

निवेश मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में किया जाएगा—

  • गुजरात संयंत्र की उत्पादन क्षमता का विस्तार

  • नई कार मॉडलों की लॉन्चिंग, विशेषकर इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की

  • 100 से अधिक वैश्विक बाज़ारों में EV निर्यात

  • भारत को एक वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करना

गुजरात संयंत्र को 10 लाख यूनिट्स की वार्षिक क्षमता तक बढ़ाया जाएगा, जिससे यह दुनिया के सबसे बड़े EV उत्पादन केंद्रों में शामिल हो जाएगा।

आत्मनिर्भर भारत और स्थानीयकरण पर ज़ोर

बैटरी इलेक्ट्रोड उत्पादन शुरू

ई-विटारा लॉन्च के साथ ही सुज़ुकी ने गुजरात स्थित TDS लिथियम-आयन बैटरी संयंत्र (टोशिबा और डेंसो के साथ संयुक्त उद्यम) में हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड उत्पादन भी शुरू किया। अब बैटरियों का असेंबली कार्य भारत में होगा और केवल कच्चा माल व सेमीकंडक्टर आयात किए जाएंगे।

सुज़ुकी ने आत्मनिर्भर भारत के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कार्बन न्यूट्रैलिटी हेतु बहु-ईंधन रणनीति पर ज़ोर दिया, जिसमें शामिल हैं—

  • बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEVs)

  • स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड्स

  • एथनॉल आधारित फ्लेक्स-फ्यूल कारें

  • कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG) वाहन

भारत: सुज़ुकी का सबसे बड़ा बाज़ार

भारत, बिक्री और राजस्व दोनों के लिहाज़ से, सुज़ुकी का सबसे बड़ा वैश्विक बाज़ार है। इसकी सहायक कंपनी मारुति सुज़ुकी पहले से ही भारत की शीर्ष कार निर्माता है। कंपनी भारत में अब तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर चुकी है और 11 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ उत्पन्न कर चुकी है।

नया निवेश यह साबित करता है कि सुज़ुकी भारत की विकसित होती ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में अपनी अग्रणी स्थिति बरकरार रखते हुए ‘विकसित भारत’ और नेट-ज़ीरो उत्सर्जन जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों को पूरा करने में साझेदार बनी रहेगी।

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