साल 2025 का काउंटडाउन शुरू हो गया है। लोगों में अब नए साल 2026 के लिए उत्सुकता बढ़ रही है। नए साल में ग्रहण किस दिन होंगे? पहला ग्रहण कब और कौन सा होगा? भारत में नजर आएगा या नहीं? दरसल भारत में ग्रहण का खगोलीय महत्व होने के साथ ही धार्मिक महत्व भी है। भारत में ग्रहण नजर आने पर सूतक काल का विचार किया जाता है। इस दौरान मंदिरों के द्वार बंद रहते हैं और पूजा पाठ नहीं होता। आइए जानते हैं साल 2026 का पहला ग्रहण कौन सा होगा, कब होगा और भारत में नजर आएगा भी या नहीं?
सूर्य ग्रहण 2026 (Surya Grahan 2026)
साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2026) 17 फरवरी को लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसे जिम्बाब्वे, दक्षिण अफ्रीका, जाम्बिया, मोजम्बीक, मॉरीशस, अंटार्कटिका सहित तन्जानिया और दक्षिण अमेरिकी देशों में देखा जा सकेगा।
क्या होता है सूतक समय
सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। इस दौरान मांगलिक काम और पूजा-पाठ करने की मनाही है। सूर्य ग्रहण के साथ ही सूतक काल का समापन होता है।
सूर्य ग्रहण क्या है?
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब घटित होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। जिससे सूर्य का प्रकाश कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो जाता है। सरल शब्दों में, जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक या पूर्ण रूप से ढक लेता है तब सूर्य ग्रहण लगता है। ऐसा हमेशा अमावस्या के दिन होता है, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं।
सूर्य ग्रहण का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण के समय सूर्यदेव की पूजा व मंत्र जप करना अत्यंत शुभ माना गया है। पद्म पुराण में कहा गया है कि ग्रहण काल में किया गया जप, ध्यान और दान सौ गुना अधिक फलदायी होता है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टि से यह एक खगोलीय संयोग है। इस दौरान सूर्य की किरणों का कुछ भाग पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता, जिससे कुछ स्थानों पर अस्थायी अंधकार फैल जाता है।
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 12 अगस्त, 2026 को लगेगा। श्रावण मास की हरियाली अमावस्या को यह ग्रहण लगेगा और ये भी भारत में नहीं दिखेगा। यह उत्तरी अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप आर्कटिक, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, स्पेन में दिखाई देगा।
2026 में दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण
2026 में दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। साथ ही, अगले साल दुर्लभ फुल ब्लड मून फिर से देखने को मिलेगा। 2026 साल का पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा, जो फरवरी में नजर आएगा। वहीं, साल का पहला चन्द्र ग्रहण मार्च में होलिका दहन के दिन लगेगा।
ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं?
- ग्रहण के सूतक काल में पूजा पाठ नहीं होता।
- ग्रहण के दौरान खाना-पीना नहीं चाहिए।
- खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालकर रखना चाहिए।
- ग्रहण की समाप्ति के बाद घर और पूजा स्थल को गंगाजल का छिड़काव करके शुद्ध करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही ग्रहण देखना चाहिए।
- ग्रहण के सूतक काल में भोजन बनाना, खाना, सोना, बाल काटना, तेल लगाना, सिलाई-कढ़ाई करना और चाकू चलाना नहीं चाहिए।


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