भारतीय महिला जादूगर और मेंटलिस्ट सुहानी शाह ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने ‘जादू की दुनिया का ऑस्कर’ कहे जाने वाले एफआईएसएम (वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ मैजिक) अवॉर्ड को अपने नाम किया है।
कब से मैजिक करने लगीं सुहानी?
सुहानी शाह भारत की सबसे प्रसिद्ध मेंटलिस्ट और जादूगरों में से एक हैं, जिन्होंने सात साल की उम्र से ही जादूगरी के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत की थी और इतनी छोटी उम्र में ही उन्होंने शो करना शुरू कर दिया था। सुहानी शाह अब तक 5,000 से अधिक लाइव परफॉर्मेंस दे चुकी हैं।
जादू की दुनिया का ‘ऑस्कर’ जीत रचा इतिहास
जादू की दुनिया का ऑस्कर कहे जाने वाले सबसे सम्मानित अवॉर्ड में से एक वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ मैजिक- 2025 का खिताब जीतकर उन्होंने देश का नाम ऊंचा कर दिया है। शाह की इस उपलब्धि ने वैश्विक जादू के मंच पर भारत को अलग पहचान दिलाई है।
एफआईएसएम जीतने वाली पहली भारतीय बनी सुहानी
उल्लेखनीय है कि एफआईएसएम के 2025 संस्करण ने ऑनलाइन क्रिएटर्स को समर्पित एक नई श्रेणी शुरू की है, जिसमें उन कलाकारों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से जादू की पहुंच को बढ़ाया है। इस क्षेत्र में भारत की सुहानी शाह ने अब परचम लहरा दिया है।
उदयपुर की रहने वाली है सुहानी शाह
सुहानी शाह भारत की सबसे प्रसिद्ध जादूगरों और मेंटलिस्ट में से एक हैं। उनका जन्म उदयपुर के एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था। अपने जुनून को पूरा करने के लिए उन्होंने दूसरी कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया। फिर उन्होंने होम स्कूलिंग से अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने सात साल की उम्र में जादू के क्षेत्र में अपना करियर शुरू किया।
उन्होंने 2019 तक 5,000 से ज़्यादा लाइव परफॉर्मेंस दी हैं। उनका पहला स्टेज शो 22 अक्टूबर 1997 को अहमदाबाद के ठाकोर भाई देसाई हॉल में हुआ था। उन्हें ऑल इंडिया मैजिक एसोसिएशन द्वारा “जादूपरी” की उपाधि से सम्मानित किया गया है। वर्तमान में, वह एक कॉर्पोरेट ट्रेनर, लेखिका और काउंसलर के रूप में कार्यरत हैं।


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