भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को एक बड़ा प्रोत्साहन देते हुए, एलन मस्क की स्टारलिंक को देश में उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए आधिकारिक लाइसेंस मिल गया है। यह घोषणा संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की। यह निर्णय विशेष रूप से दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में भारत की डिजिटल खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे पहले मार्च 2025 में जियो प्लेटफॉर्म्स और भारती एयरटेल ने स्टारलिंक सेवाओं की तैनाती के लिए स्पेसएक्स से साझेदारी की घोषणा की थी।
क्यों है यह खबर में?
भारत में स्टारलिंक को आधिकारिक लाइसेंस मिलने से देश के संचार क्षेत्र में एक नया युग शुरू हुआ है। जियो और एयरटेल के समर्थन से, स्पेसएक्स की यह सेवा अब ग्रामीण क्षेत्रों, शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। यह भारत की डिजिटल इंडिया पहल को मजबूत बनाएगी।
स्टारलिंक क्या है?
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स्पेसएक्स (2002 में एलन मस्क द्वारा स्थापित) की एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा
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लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में ~550 किमी ऊपर उपग्रहों का उपयोग करती है
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हाई-स्पीड, कम-विलंबता (low-latency) ब्रॉडबैंड प्रदान करती है
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वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी LEO सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन का संचालन कर रही है
भारत में संचालन की अनुमति
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पेसएक्स की प्रेसिडेंट और COO ग्विन शॉटवेल से बैठक के बाद यह घोषणा की
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शॉटवेल ने भारत के साथ इस साझेदारी को “शानदार शुरुआत” बताया
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सिंधिया ने उपग्रह संचार को हर भारतीय को सशक्त करने वाला माध्यम बताया
जियो और एयरटेल के साथ साझेदारी
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मार्च 2025: जियो प्लेटफॉर्म्स और भारती एयरटेल ने स्पेसएक्स के साथ करार किया
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स्टारलिंक उपकरण अब जियो और एयरटेल के रिटेल आउटलेट्स पर उपलब्ध होंगे
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जियो देखेगा:
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ग्राहक सेवा
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इंस्टॉलेशन
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ऐक्टिवेशन सपोर्ट
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लक्षित क्षेत्र
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दूरदराज के गांव
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स्कूल
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स्वास्थ्य केंद्र
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सीमांत क्षेत्रों के व्यवसाय
स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर तनाव
हालांकि साझेदारी सार्वजनिक रूप से सहयोगात्मक दिख रही है, लेकिन एलन मस्क और मुकेश अंबानी के बीच स्पेक्ट्रम के आवंटन (नीलामी बनाम प्रशासनिक आवंटन) को लेकर अंतर्विरोध की खबरें सामने आई हैं।
भारत के डिजिटल विजन में स्टारलिंक की भूमिका
यह कदम भारत के डिजिटल एजेंडे को निम्नलिखित रूपों में समर्थन देगा:
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पिछड़े क्षेत्रों में भरोसेमंद इंटरनेट पहुंचाना
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प्राकृतिक आपदाओं में सैटेलाइट से संचार का बैकअप
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तकनीक आधारित सार्वजनिक सेवाओं में सुधार