ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने 35 वर्ष की आयु में आधिकारिक तौर पर टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। यह कदम 2026 टी20 विश्व कप से कुछ ही महीने पहले आया है और इसका उद्देश्य उनकी टेस्ट और वनडे करियर को लंबा खींचना है, जहाँ वे ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व जारी रखना चाहते हैं।
शानदार टी20I सफर का अंत
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डेब्यू: 2012 (पाकिस्तान के खिलाफ)
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मैच खेले: 65
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विकेट: 79
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इकॉनमी रेट: 7.74
ऑस्ट्रेलिया के टी20आई में दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़, सिर्फ़ एडम ज़म्पा से पीछे। -
मुख्य उपलब्धि: 2021 टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की खिताबी जीत में अहम भूमिका।
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टी20 विश्व कप भागीदारी: 6 में से 5 विश्व कप खेले (2016 को चोट के कारण मिस किया)।
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शुरुआती ओवरों में आक्रामक स्पेल और डेथ ओवरों में सटीक यॉर्कर डालने की कला ने उन्हें दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाज़ों में से एक बना दिया।
अब क्यों लिया संन्यास?
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स्टार्क ने अपने बयान में दोहराया कि टेस्ट क्रिकेट उनकी पहली प्राथमिकता है।
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आने वाले बड़े टूर्नामेंट:
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भारत का टेस्ट दौरा
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एशेज़ सीरीज़
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2027 वनडे विश्व कप
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टी20 से हटकर वे अपनी फिटनेस और वर्कलोड का बेहतर प्रबंधन करना चाहते हैं।
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उन्होंने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का शारीरिक दबाव बहुत अधिक है और यह कदम उन्हें लंबे प्रारूपों में ताज़ा और फिट बनाए रखने में मदद करेगा।
टी20I संन्यास: पीढ़ीगत बदलाव का संकेत
स्टार्क का टी20 से संन्यास ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में चल रहे ट्रांज़िशन (पीढ़ीगत बदलाव) का हिस्सा है।
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डेविड वॉर्नर → 2024 में सभी प्रारूपों से संन्यास।
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स्टीव स्मिथ, ग्लेन मैक्सवेल, मार्कस स्टॉइनिस → 2025 में वनडे से संन्यास।
इससे साफ़ है कि ऑस्ट्रेलिया अब धीरे-धीरे युवा खिलाड़ियों पर भरोसा कर रहा है, ताकि आने वाले वैश्विक टूर्नामेंटों के लिए नई टीम तैयार की जा सके।


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