भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समुद्री विकास के लिए समर्पित देश की पहली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) – सागरमाला फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (SMFCL) का उद्घाटन किया। यह लॉन्च इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण वित्तीय अंतराल को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत के समुद्री अमृत काल विजन 2047 के साथ संरेखित है, जिसका लक्ष्य भारत को वैश्विक समुद्री महाशक्ति में बदलना है।
समाचार में क्यों?
केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भारत का पहला समुद्री क्षेत्र पर केंद्रित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) — सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL) — का उद्घाटन किया। यह पहल “मैरिटाइम अमृत काल विज़न 2047” और “विकसित भारत” की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य भारत को वैश्विक समुद्री शक्ति बनाना है।
सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL): मुख्य विशेषताएँ
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भारत की पहली और विशेष NBFC जो समुद्री क्षेत्र के लिए वित्तीय सेवाएँ प्रदान करेगी।
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बंदरगाहों, समुद्री MSMEs, स्टार्टअप्स और संस्थाओं को वित्त पोषण उपलब्ध कराएगी।
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समुद्री अवसंरचना (infrastructure) में पूंजी की कमी को पूरा करने में मदद करेगी।
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भारत को वैश्विक समुद्री हब बनाने की राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा।
SAGAR SETU प्लेटफ़ॉर्म का शुभारंभ
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डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जो बंदरगाह संचालन में प्रचालन कुशलता (operational efficiency) बढ़ाएगा।
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व्यापार करने में सरलता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देगा।
मानकीकृत दरमान (SoR)
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सभी प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरणों में एक समान शुल्क ढाँचा।
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पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और न्यायसंगत मूल्य निर्धारण को बढ़ावा देगा।
“गेटवे टू ग्रीन” रिपोर्ट
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भारतीय बंदरगाहों में ग्रीन हाइड्रोजन को अपनाने की योजना और रोडमैप पेश किया गया।
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भारत को ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने के लक्ष्य में सहायक।
CDAC के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) – डिजिटल परिवर्तन की दिशा में
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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत CDAC के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर।
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समुद्री क्षेत्र में डिजिटल नवाचार और परिवर्तन के लिए डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी।
निष्कर्ष
सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SMFCL) और उससे जुड़ी डिजिटल व हरित पहलें भारत को समुद्री विकास, नवाचार और सतत ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम हैं। यह भारत के समुद्री अमृत काल विज़न 2047 को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगा।