शिवसुब्रमण्यम रमण ने पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरपर्सन का पदभार हाल ही में संभाला लिया। पीएफआरडीए ने बयान में कहा, भारत सरकार ने आठ अप्रैल 2025 की अधिसूचना के तहत उन्हें पांच साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया है। उनकी नियुक्ति इसी तारीख से प्रभावी हो गई और यह उनके 65 वर्ष के होने या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) प्रभावी रहेगी।
समाचार में क्यों?
शिवसुब्रमण्यम रमण ने 20 जून 2025 को औपचारिक रूप से पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया। भारत सरकार ने 8 अप्रैल 2025 की अधिसूचना के माध्यम से उनकी नियुक्ति की थी। वे दीपक मोहंती का स्थान ले रहे हैं और उनका कार्यकाल 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) रहेगा। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और वत्सल्य योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से पेंशन कवरेज को औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में गहराई से विस्तारित करने की दिशा में प्रयासरत है।
शिवसुब्रमण्यम रमण का व्यावसायिक अनुभव
पूर्व पद:
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अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, SIDBI
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प्रबंध निदेशक और सीईओ, नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसेज लिमिटेड (NeSL)
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भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) कार्यालय में उप CAG और CTO
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SEBI में मुख्य महाप्रबंधक और कार्यकारी निदेशक
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प्रधान महालेखा परीक्षक, झारखंड
शैक्षणिक योग्यताएं:
- BA (अर्थशास्त्र) और MBA — दिल्ली विश्वविद्यालय
- MSc (वित्तीय विनियमन) — लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स
- LLB
- सर्टिफाइड इंटरनल ऑडिटर — IIA फ्लोरिडा
- सर्टिफाइड चीफ डिजिटल ऑफिसर — ISB
- पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिक्योरिटीज लॉ
नियुक्ति से जुड़ी प्रमुख बातें
पदभार ग्रहण: 20 जून 2025
कार्यकाल: 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक
वेतन: ₹5,62,500 प्रतिमाह (घर या गाड़ी की सुविधा नहीं)
नियुक्ति का माध्यम: भारत सरकार की अधिसूचना (8 अप्रैल 2025)
स्थानापन्न: दीपक मोहंती (मार्च 2023 में नियुक्त हुए थे)
PFRDA के बारे में
स्थापना: 2003
उद्देश्य:
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भारत में पेंशन क्षेत्र का प्रचार, विनियमन और विकास
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) का पर्यवेक्षण
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असंगठित और स्वरोज़गार वाले क्षेत्रों में पेंशन कवरेज का विस्तार
वर्तमान प्राथमिकताएं
- NPS वत्सल्य योजना: माता-पिता को बच्चों के भविष्य के लिए पेंशन बचत की सुविधा
- पेंशन परिसंपत्ति आवंटन में वृद्धि: वर्तमान में केवल 5.7% भारतीय घरेलू संपत्ति ही पेंशन क्षेत्र में लगी है
रमण की नियुक्ति का महत्व
- दशकों का नियामक, लेखा परीक्षण और विकास वित्त का अनुभव
- तकनीकी एकीकरण, रिटायरमेंट समावेशन और वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने की क्षमता
- SIDBI और SEBI में अनुभव के जरिए माइक्रो-पेंशन कवरेज को नई दिशा देने की उम्मीद
- ऐसे समय में कार्यभार संभाला है जब महत्वपूर्ण पेंशन सुधार, डिजिटल विस्तार और जनसंख्या वृद्धावस्था की ओर बढ़ रही है
यह नियुक्ति भारत की पेंशन प्रणाली को अधिक समावेशी, आधुनिक और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।