सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (SIMBEX) का 31वां संस्करण 23 से 29 अक्टूबर, 2024 के बीच विशाखापट्टनम में पूर्वी नौसेना कमान (ENC) में आयोजित हो रहा है। यह वार्षिक अभ्यास भारतीय नौसेना और सिंगापुर गणराज्य नौसेना (RSN) के बीच बढ़ते समुद्री सहयोग को प्रदर्शित करता है, जिससे दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और इंटरऑपरेबिलिटी के साझा उद्देश्यों को मजबूती मिलती है।
SIMBEX, जिसे 1994 में ‘एक्सरसाइज लॉयन किंग’ के रूप में शुरू किया गया था, अब दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण घटक बन चुका है। यह दोनों देशों को सामान्य समुद्री चुनौतियों का समाधान करने, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और परिचालन इंटरऑपरेबिलिटी को मजबूत करने में सहायक है।
SIMBEX 2024 के चरण
- हार्बर चरण: विशाखापट्टनम (23-25 अक्टूबर)
इस चरण में कई विषय विशेषज्ञ आदान-प्रदान (SMEEs), क्रॉस-डेक विजिट्स, खेल आयोजन और प्री-सेल ब्रीफिंग शामिल हैं। दोनों नौसेनाओं के कर्मचारी ज्ञान-साझाकरण सत्रों में भाग लेते हैं, जहां वे एक-दूसरे के संचालन प्रक्रियाओं और समुद्री सुरक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करते हैं।- मुख्य गतिविधियाँ:
- SMEEs: विशेष नौसैनिक अभियानों पर विशेषज्ञों द्वारा अंतःक्रियात्मक सत्र।
- क्रॉस-डेक विजिट्स: चालक दल के सदस्यों को एक-दूसरे के जहाजों का अवलोकन करने का अवसर, जिससे परिचालन प्रोटोकॉल की समझ में वृद्धि होती है।
- खेल आयोजन: मैत्रीपूर्ण खेल प्रतिस्पर्धाओं के माध्यम से मित्रता और विश्वास को बढ़ावा देना।
- प्री-सेल ब्रीफिंग: अभ्यास के उद्देश्यों और सुरक्षा प्रोटोकॉल पर विस्तृत चर्चाएँ।
- मुख्य गतिविधियाँ:
- सी चरण: बंगाल की खाड़ी (28-29 अक्टूबर)
सी चरण में बंगाल की खाड़ी में उन्नत नौसैनिक अभ्यास शामिल हैं, जहाँ दोनों नौसेनाएँ बहु-डोमेन संचालन करती हैं, जैसे कि पनडुब्बी रोधी, सतह रोधी और वायु रोधी युद्ध। ये अभ्यास दोनों नौसेनाओं की सामरिक क्षमताओं की परीक्षा लेते हैं और भारत-सिंगापुर सहयोग की मजबूती को दर्शाते हैं।- मुख्य गतिविधियाँ:
- लाइव वेपन फायरिंग: दोनों जहाजों की युद्ध तत्परता का अभ्यास।
- पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW): पानी के नीचे के खतरों का पता लगाने और उनका मुकाबला करने के लिए अभ्यास।
- सतह रोधी और वायु रोधी ऑपरेशन: सतह और हवाई खतरों के खिलाफ रक्षा तंत्र का परीक्षण।
- सीमानशिप अभ्यास और सामरिक कदम: संयुक्त प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने के लिए समन्वित सामरिक चालों का अभ्यास।
- मुख्य गतिविधियाँ:
उद्घाटन समारोह
उद्घाटन समारोह 24 अक्टूबर को भारतीय नौसेना के गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS शिवालिक पर आयोजित किया गया, जिससे SIMBEX 2024 की आधिकारिक शुरुआत हुई। इस अवसर पर पूर्वी बेड़े और RSN के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जो समुद्री सुरक्षा में दोनों देशों की एकता और रणनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
SIMBEX का रणनीतिक महत्व
इसके प्रारंभ से ही, SIMBEX भारत और सिंगापुर के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है, जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है। इस अभ्यास के माध्यम से दोनों नौसेनाएँ अपने परिचालन तालमेल को सुधारती हैं, जिससे उनकी सामूहिक समुद्री क्षमताओं में वृद्धि होती है।
- मुख्य उद्देश्य:
- समुद्री क्षेत्र की जागरूकता बढ़ाना: क्षेत्र में सुरक्षा जोखिमों की निगरानी और समाधान के लिए संयुक्त प्रयास।
- रक्षा सहयोग को मजबूत करना: प्रभावी परिचालन सहयोग के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को सुदृढ़ बनाना।
- सामान्य चुनौतियों का समाधान: समुद्री क्षेत्र की समस्याओं जैसे समुद्री डकैती, तस्करी और अवैध मछली पकड़ने के समाधानों पर ध्यान केंद्रित करना।
RSS टेनैशियस और INS शिवालिक की भूमिका
RSS टेनैशियस, RSN का एक फ्रिगेट, इस वर्ष के SIMBEX में सिंगापुर की सक्रिय भागीदारी का प्रतीक है। INS शिवालिक और पूर्वी बेड़े के अन्य भारतीय जहाजों के साथ यह साझेदारी दोनों नौसेनाओं की संयुक्त संचालन और तकनीकी सहयोग के लिए तत्परता को रेखांकित करती है।