भारत में डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से दूरसंचार विभाग (DoT) ने 29 नवंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। इसके अनुसार व्हाट्सएप, टेलीग्राम, अरट्टाई जैसे सभी मैसेजिंग ऐप्स को अब हमेशा उपयोगकर्ता के डिवाइस में सक्रिय सिम कार्ड से लगातार लिंक रहना होगा। यह आदेश Telecommunication Cybersecurity Amendment Rules, 2025 के तहत जारी किया गया है, जिसका मकसद ऐप-आधारित पहचान प्रणाली में मौजूद खामियों को दूर करना है।
क्या है नया SIM-Linking नियम?
नए दिशानिर्देशों के अनुसार सभी मैसेजिंग ऐप्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि—
-
ऐप केवल उसी समय काम करे जब वह एक सक्रिय सिम कार्ड से लिंक हो, जो उपयोगकर्ता के मोबाइल में लगा हो।
-
वेब संस्करण हर 6 घंटे में उपयोगकर्ताओं को ऑटो-लॉगआउट करे।
-
पुनः लॉगिन केवल QR कोड स्कैनिंग के माध्यम से होगा, जो सक्रिय सिम से जुड़ा होगा।
-
सभी प्लेटफॉर्म्स को 90 दिनों में इन नियमों का अनुपालन करना होगा और 120 दिनों में विस्तृत अनुपालन रिपोर्ट जमा करनी होगी।
यह नियम क्यों लाया गया?
DoT ने पाया कि—
“कुछ मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म SIM निकाले जाने पर भी सेवाएं जारी रखते हैं, जिससे भारतीय मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग विदेशी स्थानों से किया जा रहा है।”
इस खामी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी—
-
अकाउंट हाईजैक करते थे
-
पहचान की नकल (spoofing) करते थे
-
बिना वैध प्रमाणीकरण के भारतीय नंबर चला रहे थे
-
कई प्रकार की धोखाधड़ी और स्कैम कर रहे थे
ऐसे अपराध राष्ट्रीय सुरक्षा और दूरसंचार ढांचे के लिए गंभीर चुनौती बन रहे थे।
कानूनी आधार
यह अनिवार्यता निम्न कानूनों और नियमों के तहत लागू की गई है—
- टेलीकम्युनिकेशन एक्ट, 2023
- टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 (अमेंडेड)
- टेलीकम्युनिकेशन साइबर सिक्योरिटी अमेंडमेंट रूल्स, 2025
नियमों का उल्लंघन करने पर प्लेटफॉर्म्स पर कानूनी कार्रवाई, दंड, या सेवा निलंबन लग सकता है।
प्रभाव: प्लेटफॉर्म्स और उपयोगकर्ताओं पर
मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए
-
ऐप की आर्किटेक्चर में रियल-टाइम SIM ऑथेंटिकेशन शामिल करना होगा।
-
वेब/डेस्कटॉप लॉगिन के लिए सुरक्षित QR-आधारित सिस्टम बनाना होगा।
-
सुरक्षा ऑडिट, लॉग्स और अनुपालन डेटा बनाए रखना होगा।
उपयोगकर्ताओं के लिए
-
अब बिना मूल सक्रिय सिम के ऐप उपयोग नहीं कर पाएंगे।
-
वेब संस्करण हर 6 घंटे में ऑटो-लॉगआउट होगा।
-
इससे मल्टी-डिवाइस सुविधा सीमित हो सकती है, लेकिन सुरक्षा बढ़ेगी।
बड़ी तस्वीर: साइबर-सेक्योर भारत की दिशा में कदम
यह कदम भारत की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत सरकार—
-
नकली नंबरों,
-
पहचान चोरी,
-
अकाउंट क्लोनिंग,
-
और डिजिटल धोखाधड़ी
को समाप्त करना चाहती है।
SIM-Binding के साथ, भारत वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप डिजिटल पहचान और सुरक्षित संचार की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
मुख्य तथ्य (Key Takeaways)
-
जारीकर्ता: दूरसंचार विभाग (DoT)
-
तारीख: 29 नवंबर 2025
-
किस पर लागू: सभी ऐप-आधारित संचार सेवाएँ (WhatsApp, Telegram, Arattai)
-
मुख्य नियम:
-
निरंतर SIM-Binding
-
वेब लॉगआउट हर 6 घंटे में
-
QR आधारित रीलॉगिन
-
90 दिन में कार्यान्वयन
-
120 दिन में रिपोर्ट
-
-
कानूनी आधार: Telecom Act 2023, Cybersecurity Rules 2024–25
-
दंड: गैर-अनुपालन पर कानूनी कार्रवाई


Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 ...
लोकसभा ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन)...
सरकार ने संचार साथी ऐप के प्री-इंस्टॉलेश...

