वित्तीय जांच के बीच एक महत्वपूर्ण नेतृत्व परिवर्तन में, इंडसइंड बैंक ने संतोष कुमार को अपना उप मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) नियुक्त किया है। यह कदम डिप्टी सीईओ अरुण खुराना के कार्यवाहक सीएफओ के रूप में कार्यकाल समाप्त होने के बाद उठाया गया है। माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में बढ़ते खराब ऋणों और इसके डेरिवेटिव लेनदेन में लेखांकन विसंगतियों के कारण बैंक को बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे काफी वित्तीय प्रभाव और नियामक जांच हो रही है।
मुख्य बिंदु
नेतृत्व में बदलाव
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नई नियुक्ति: संतोष कुमार को इंडसइंड बैंक का डिप्टी सीएफओ (Deputy CFO) नियुक्त किया गया।
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प्रभावी तिथि: 18 अप्रैल 2025 से लागू।
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कारण: अरुण खुराना का कार्यकारी CFO का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वित्त और लेखा विभाग की जिम्मेदारी संभालना।
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लंबित स्थिति: पूर्णकालिक CFO की नियुक्ति अभी बाकी है।
बैंक प्रोफाइल
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इंडसइंड बैंक: भारत का 5वां सबसे बड़ा निजी बैंक, संपत्ति के आधार पर।
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प्रमुख क्षेत्र: माइक्रोफाइनेंस, कॉरपोरेट बैंकिंग और रिटेल लोन में सशक्त उपस्थिति।
वित्तीय अनियमितताएं
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लेखांकन अंतर: मुद्रा डेरिवेटिव (Currency Derivatives) की बुकिंग में गड़बड़ी, जो कम से कम छह वर्षों से चली आ रही थी।
अनुमानित वित्तीय प्रभाव
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प्रारंभिक अनुमान: ₹1,600 करोड़।
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PwC का अनुमान: ₹1,979 करोड़ (लगभग $175 मिलियन)।
सारांश / स्थिर जानकारी | विवरण |
समाचार में क्यों? | संतोष कुमार की इंडसइंड बैंक के डिप्टी CFO के रूप में नियुक्ति |
नया डिप्टी CFO | संतोष कुमार |
पूर्व CFO (कार्यकारी) | अरुण खुराना (डिप्टी CEO) |
बैंक रैंक | भारत का 5वां सबसे बड़ा निजी क्षेत्र का बैंक |
शेयर मूल्य | 10 मार्च 2025 से अब तक 15% की गिरावट |
माइक्रोफाइनेंस प्रभाव | बढ़ते खराब ऋणों (Bad Loans) से मुनाफे में गिरावट |