सार्क चार्टर को अपनाने के उपलक्ष्य में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (South Asian Association for Regional Cooperation – SAARC) चार्टर दिवस प्रतिवर्ष 8 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष क्षेत्रीय समूह की 38वीं वर्षगांठ है। ढाका, बांग्लादेश में आयोजित पहले सार्क शिखर सम्मेलन में चार्टर पर सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों या बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के शासनाध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
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सार्क चार्टर का इतिहास और महत्व:
8 दिसंबर 1985 को, समूह के पहले शिखर सम्मेलन के दौरान, ढाका में सार्क चार्टर को अपनाया गया था। चार्टर पर आठ दक्षिण एशियाई देशों- बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।
जैसा कि इसके चार्टर में उल्लेख किया गया है, सार्क का मुख्य फोकस क्षेत्र में लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने और सामाजिक प्रगति और आर्थिक विकास के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना है। SAARC का चार्टर दक्षिण एशिया में आपसी सहयोग, गरीबी उन्मूलन, सामाजिक-आर्थिक विकास में तेज़ी तथा आर्थिक उन्नति द्वारा शांति, स्थिरता व समृद्धि को बढ़ावा देने के लिये क्षेत्र के सामूहिक संकल्प व साझा दृष्टि को दर्शाता है।