कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण डाक सेवकों सहित डाक कर्मचारी विभिन्न विभागीय कर्तव्यों के साथ-साथ इस संकट के समय में सामाजिक सेवा भी कर रहे हैं। इसलिए, ग्रामीण डाक सेवक (जीडीएस) सहित सभी डाक कर्मचारियों को ड्यूटी पर रहते हुए बीमारी का शिकार हो जाने पर 10 लाख रुपये का मुआवजा देना का फैसला किया गया है। ये दिशानिर्देश जल्द प्रभावी हो जाएंगे और कोविड-19 के संकट की समाप्ति तक पूरी अवधि तक के लिए लागू रहेंगे।
COVID-19 के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान, ग्रामीण डाक सेवक सहित डाक कर्मचारी ग्राहकों को मेल डिलीवरी, डाक घर बचत बैंक, डाक जीवन बीमा देने, एईपीएस सुविधा के तहत किसी भी बैंक और किसी भी शाखा से ग्राहकों के दरवाजे तक पैसे निकलने को सरल बनाने के विभिन्न दायित्वों में जुटे हुए हैं। इसके अलावा, डाक घर स्थानीय राज्य प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों के साथ संपर्क कर देश भर में कोविड-19 किट, फूड पैकेट, राशन एवं जरुरी दवाए आदि की डिलीवरी भी कर रहे हें। इस प्रकार, ये अपने विभागीय कर्तव्यों के साथ साथ कोविड-19 के संकट के समय सामाजिक प्रयोजन की भी सेवा कर रहे हैं।