चालू वित्त वर्ष के पहले महीने ने खुदरा (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक या सीपीआई) और निर्माता (थोक मूल्य सूचकांक या डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति दोनों के साथ मुद्रास्फीति पर बुरी खबर लाया है, जिससे नीति वृद्धि दर में रिजर्व बैंक द्वारा निकट भविष्य में वृद्धि की संभावना बढ़ रही है.
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में पता चला है कि अण्डों के साथ फल और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि ने मार्च में 4.28 प्रतिशत से बढ़ाकर अप्रैल में सीपीआई को 4.58 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक अप्रैल में 2.8 प्रतिशत था जो मार्च में 2.81 प्रतिशत से कम था. इस साल नवीनतम नंबर ने जनवरी से सीपीआई में स्लाइड पर ब्रेक लगा दिया है.
स्रोत-दि हिन्दू बिज़नस लाइन