महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। खाने-पीने की वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा महंगाई अक्तूबर में घटकर तीन महीने के निचले स्तर पर आ गई। वहीं, खाद्य, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में गिरावट से थोक महंगाई 19 महीने में सबसे कम रही। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) के जारी आंकड़ों के मुताबिक, खुदरा कीमतों पर आधारित (सीपीआई) महंगाई पिछले महीने कम होकर 6.77 फीसदी रह गई। हालांकि, दस महीने से यह आरबीआई के संतोषजनक स्तर छह फीसदी से ऊपर बनी हुई है।
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सितंबर, 2022 में खुदरा महंगाई 7.41 फीसदी व अक्तूबर, 2021 में 4.48 फीसदी रही थी। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दो फीसदी घटने-बढ़ने के साथ चार फीसदी के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी है। उधर, थोक कीमतों पर आधारित (डब्ल्यूपीआई) महंगाई सितंबर के 10.79 फीसदी से घटकर अक्तूबर में 8.39 फीसदी रह गई। मार्च, 2021 के बाद पहली बार इसकी दर दहाई अंक से नीचे आई है। पिछले साल मार्च में डब्ल्यूपीआई महंगाई 7.89 फीसदी रही थी। बता दें कि भारत का केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य रूप से मौद्रिक नीति तैयार करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति महंगाई दर को आधार मानता है।