भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड में विदेशी निवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि ऐसी प्रतिभूतियों को पूरी तरह से सुलभ मार्ग के तहत निर्दिष्ट प्रतिभूतियों के रूप में गिना जाएगा। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में दो किश्तों में 160 अरब रुपये (1.93 अरब डॉलर) के सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड की नीलामी की घोषणा की थी।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
ग्रीन बॉन्ड किसी भी संस्था या कॉरपोरेट्स कंपनी द्वारा जारी किए बॉन्ड होते हैं, इसका उद्देश्य पर्यावरण की दृष्टि से चल रही परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाना है। केंद्र सरकार ने देश में ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को फाइनेंस करने के लिए घरेलू बाजार से पैसा जुटाने की योजना बनाई है। इसके लिए नवंबर 2022 में एक सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड फ्रेमवर्क तैयार किया गया था। इस बॉन्ड से जुटाई जाने वाली राशि का इस्तेमाल देश की अर्थव्यवस्था को कम कार्बन उत्सर्जन वाले प्रोजेक्ट के विकास में खर्च की जाएगी।
दुनिया का पहला ग्रीन बांड 2007 में यूरोपीय निवेश बैंक द्वारा जारी किया गया था। विश्व बैंक ने 2008 में पहली बार ग्रीन बांड जारी किया था।
भारत सरकार ने 2034 में परिपक्व होने वाला एक फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (FRB) पेश किया…
NPCI इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) ने नामीबिया में भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के…
माइक्रोन इंडिया की साणंद यूनिट वैश्विक निर्यात पर ध्यान देने के साथ 2025 में घरेलू…
भारतीय स्टार्टअप के गतिशील परिदृश्य में, भारतपे के पूर्व सीओओ ध्रुव धनराज बहल ने ग्रीनशू…
भारत अगले साल गुवाहाटी में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र में विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप की मेजबानी…
अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) ने राजस्थान और गुजरात में अपनी…