भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अवैध ऋण देने वाले ऐप्स के प्रसार से निपटने के लिए डिजिटल इंडिया ट्रस्ट एजेंसी (DIGITA) की स्थापना पर विचार कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करना और डिजिटल ऋण क्षेत्र में धोखाधड़ी गतिविधियों पर रोक लगाना है।
डिजिटा का उद्देश्य
- सत्यापन और निरीक्षण: DIGITA डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स के सत्यापन की सुविधा प्रदान करेगा और सत्यापित ऐप्स का एक सार्वजनिक रजिस्टर बनाए रखेगा।
- कानूनी प्रवर्तन: DIGITA के ‘सत्यापित’ हस्ताक्षर की कमी वाले ऐप्स को कानून प्रवर्तन उद्देश्यों के लिए अनधिकृत माना जाएगा, जो डिजिटल डोमेन में वित्तीय अपराधों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण जांच बिंदु बनाएगा।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: सत्यापन प्रक्रिया डिजिटल ऋण क्षेत्र के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगी, धोखाधड़ी प्रथाओं को कम करेगी।
IT मंत्रालय और Google के साथ RBI का सहयोग
- व्हाइटलिस्टिंग के प्रयास: आरबीआई ने ऐप की वैधता को बढ़ाते हुए Google के साथ व्हाइटलिस्टिंग के लिए आईटी मंत्रालय को 442 डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स की एक सूची प्रदान की है।
- Google द्वारा ऐप हटाना: Google ने RBI के नियामक निर्देशों के अनुरूप, सितंबर 2022 और अगस्त 2023 के बीच अपने ऐप स्टोर से 2,200 से अधिक डिजिटल ऋण देने वाले ऐप्स को हटा दिया है।
- Google द्वारा अद्यतन नीति: PlayStore पर ऋण ऐप्स के प्रवर्तन के संबंध में Google की नीति में बदलाव अब यह अनिवार्य करता है कि RBI और वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग के अनुरोधों के बाद केवल RBI की विनियमित संस्थाओं या उनके भागीदारों द्वारा प्रकाशित ऐप्स ही स्वीकार्य हैं।