भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि वह जल्द ही विशेष उपयोग के मामलों के लिए डिजिटल रुपये के प्रतिबंधित परीक्षण लॉन्च की शुरुआत करेगा। यह कॉन्सेप्ट नोट लोगों में जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से जारी किया गया है, जिससे डिजिटल करेंसी के सही तरीके से इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके। इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही भुगतान प्रणाली को अधिक सक्षम बनाया जा सकेगा। इसका एक और मकसद धन शोधन या मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को रोकने में मदद करना भी है।
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आरबीआई कुछ समय के लिए सीबीडीसी के फायदे और नुकसान के बारे में आकलन करेगा। इस आधार पर इसके डिजाइन और अन्य मामलों में बदलाव किया जाएगा। बैंकों के जरिये इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। ई-रूपया आ जाने से लोगों को नगद रुपये रखने की जरूरत नहीं होगी। ये भी मोबाइल वॉलेट की तरह काम करेगी। यह एक कानूनी मुद्रा होगी।
मुख्य बिंदु
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि पायलट प्रोजेक्ट का स्कोप जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, आरबीआई E-Rupee से जुड़े फीचर्स और फायदे साझा करता रहेगा।
- रिजर्व बैंक की ओर से लोगों के बीच सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए एक कॉन्सेप्ट नोट जारी किया गया है।
- देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत नहीं होगी। इसे आप अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी के सर्कुलेशन पर पूरी तरह से रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहेगा।
- गौरतलब है कि इस साल पेश किए गए बजट के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि RBI इसी वित्त वर्ष में ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित डिजिटल करेंसी CBDC को पेश करेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर: शक्तिकांत दास
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मुख्यालय: मुंबई
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