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वित्त वर्ष 26 में भारत का व्यापारिक आयात निर्यात की तुलना में दोगुनी तेजी से बढ़ेगा: RBI सर्वेक्षण

आरबीआई के पेशेवर पूर्वानुमानकर्ताओं के 95वें दौर के सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 26 में भारत के व्यापार संतुलन पर फिर से दबाव पड़ सकता है। निष्कर्षों के अनुसार, इसी अवधि में व्यापारिक आयात में 2.5% की वृद्धि का अनुमान है, जबकि निर्यात में केवल 1.2% की वृद्धि की उम्मीद है। यह बेमेल दर्शाता है कि भारत का व्यापार असंतुलन बढ़ सकता है, जिससे चालू खाता घाटा (सीएडी) जीडीपी के 0.8% के बराबर हो सकता है – जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।

मुख्य पूर्वानुमान: आयात, निर्यात से आगे

आरबीआई सर्वेक्षण ने व्यापार परिदृश्य को लेकर चिंताजनक तस्वीर पेश की है—

  • माल निर्यात (वित्त वर्ष 2025-26): 1.2% की वृद्धि का अनुमान

  • माल आयात (वित्त वर्ष 2025-26): 2.5% की वृद्धि का अनुमान

  • चालू खाते का घाटा (CAD) – FY26: GDP का 0.8%

  • CAD – FY27: बढ़कर GDP का 0.9% होने की संभावना

यह असंतुलन FY27 में भी जारी रह सकता है, जब निर्यात में 4.9% की वृद्धि और आयात में 6.0% की वृद्धि का अनुमान है। यह रुझान वैश्विक मांग में असमानता और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच भारत के बाहरी क्षेत्र की मजबूती को कमजोर कर सकता है।

आयात वृद्धि के कारण

आयात में वृद्धि कई वजहों से हो सकती है—

  • इलेक्ट्रॉनिक्स, तेल, सोना और पूंजीगत वस्तुओं की बढ़ती मांग

  • घरेलू खपत में धीरे-धीरे सुधार, जिससे इनपुट आयात में इजाफा

  • मुद्रा अवमूल्यन की संभावना, जिससे आयात महंगे हो सकते हैं

साथ ही, निर्यात में सुस्ती का कारण वैश्विक व्यापार सुधार की धीमी गति, जारी भू-राजनीतिक तनाव, और यूरोप व अमेरिका जैसे प्रमुख बाजारों में लगातार महंगाई का दबाव हो सकता है।

व्यापक आर्थिक परिदृश्य

व्यापार चिंताओं के बावजूद, समग्र आर्थिक अनुमान अपेक्षाकृत सकारात्मक हैं—

  • वास्तविक GDP वृद्धि (FY26): 6.4% का अनुमान

  • वास्तविक GDP वृद्धि (FY27): बढ़कर 6.7% होने की संभावना

पैनल विशेषज्ञों ने FY26 के लिए GDP वृद्धि 6.0–6.9% के दायरे में और FY27 के लिए 6.5–6.9% के दायरे में रहने की सबसे अधिक संभावना जताई है। हालांकि, ये आंकड़े FY26 के लिए आरबीआई के आधिकारिक अनुमान 6.5% से थोड़े कम हैं।

खपत और निवेश का रुझान

सर्वेक्षण में घरेलू मांग मजबूत रहने के संकेत मिले हैं—

  • निजी अंतिम उपभोग व्यय (PFCE): FY26 में 6.5% और FY27 में 6.9% वृद्धि का अनुमान

  • सकल स्थिर पूंजी निर्माण (GFCF): FY26 में 6.8% और FY27 में 7.2% वृद्धि की संभावना

ये आंकड़े निवेश और खपत में मजबूत सुधार को दर्शाते हैं, जो आयात मांग को ऊंचा बनाए रख सकते हैं।

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