भारतीय रिज़र्व बैंक ने निजी क्षेत्र में छोटे वित्त बैंकों के ‘ओन टैप’ लाइसेंस के लिए दिशा-निर्देश जारी किए। इस लाइसेंस के लिए केवल 5 साल का संचालन पुरे करने बाद ही इच्छुक भुगतान बैंक स्वयं को छोटे वित्त बैंकों (एसएफबी) में बदलने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पांच साल के संचालन को पूरा करने वाले मौजूदा भुगतान बैंक (पीबी) भी विभिन्न प्राधिकरणों की सभी कानूनी और विनियामक आवश्यकताओं के अनुपालन के बाद छोटे वित्त बैंकों में रूपांतरण के लिए पात्र हैं, यदि वे इन दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं।
लाइसेंस विंडो ओन टैप व्यवस्था पर शुरू होगी। प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) को बदलने के लिए न्यूनतम पूंजी 200 करोड़ रखी गई है, निवल मूल्य की प्रारंभिक अनिवार्यता 100 करोड़ होगी, जिसमे कारोबार शुरू होने की तारीख से पांच साल के भीतर ₹ 200 करोड़ तक बढ़ाना होगा। एसएफबी को परिचालन शुरू करने के साथ ही बैंक का दर्जा दिया जाएगा।
उपरोक्त समाचार से IBPS SO 2019 परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- RBI के 25वें गवर्नर: शक्तिकांत दास; मुख्यालय: मुंबई; स्थापित: 1 अप्रैल 1935, कोलकाता
भारतीय रिज़र्व बैंक