गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) अपने ग्राहक को जाने (केवाईसी) मानदंडों, ऋण की मंजूरी और निवेश पोर्टफोलियो के प्रबंधन के लिए आंतरिक लेखा परीक्षा, रणनीतिक और अनुपालन कार्यों जैसे कोर प्रबंधन कार्यों को आउटसोर्स नहीं कर सकते.
आरबीआई ने एनबीएफसी द्वारा वित्तीय सेवाओं के आउटसोर्सिंग में जोखिमों और आचार संहिता के प्रबंधन पर नए निर्देश जारी किए. अधिसूचना के अनुसार, सेवा प्रदाता के कर्मचारियों द्वारा ग्राहक सूचनाओं तक पहुंच ‘पता करने की आवश्यकता’ के आधार पर होगी, अर्थात उन क्षेत्रों तक सीमित, जहां जानकारी आउटसोर्स कार्य करने के लिए आवश्यक है.
एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सेवा प्रदाता जानकारी की गोपनीयता की रक्षा के लिए एनबीएफसी के ग्राहक सूचना, दस्तावेज, अभिलेख और परिसंपत्तियों को अलग और स्पष्ट रूप से पहचान सकें. गोपनीय ग्राहक संबंधी जानकारी के किसी भी लीक को तुरंत ही केंद्रीय बैंक को सूचित किया जाना चाहिए अन्यथा एनबीएफसी किसी भी नुकसान के लिए अपने ग्राहकों के लिए उत्तरदायी होगा.
एनबीएफसी को यह सुनिश्चित करना होगा कि सेवा प्रदाता जानकारी की गोपनीयता की रक्षा के लिए एनबीएफसी के ग्राहक सूचना, दस्तावेज, अभिलेख और परिसंपत्तियों को अलग और स्पष्ट रूप से पहचान सकें. गोपनीय ग्राहक संबंधी जानकारी के किसी भी लीक को तुरंत ही केंद्रीय बैंक को सूचित किया जाना चाहिए अन्यथा एनबीएफसी किसी भी नुकसान के लिए अपने ग्राहकों के लिए उत्तरदायी होगा.
प्रत्यक्ष बिक्री और वसूली एजेंटों के लिए एक बोर्ड को आचार संहिता की मंजूरी भी दी जानी चाहिए.
IBPS PO मुख्य परीक्षा के लिए उपरोक्त समाचार से परीक्षा उपयोगी तथ्य –
- उर्जित पटेल- आरबीआई के 24 वें गवर्नर, मुख्यालय- मुंबई.
स्रोत- द इकोनॉमिक टाइम्स