भारतीय रिजर्व बैंक को वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट “वर्ल्ड गोल्ड आउटलुक 2020” में विदेशों से सबसे ज्यादा सोना खरीद करने वालों की सूची में छठें स्थान पर रखा गया है। आरबीआई ने सरकार के सॉवरेन गोल्ड बांड को बढ़ाने के लिए साल 2019 के पहले 10 महीनों में 25.2 टन की खरीद की हैं।वर्तमान में RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) के पास 625.2 टन सोना है, जो उसके विदेशी मुद्रा भंडार का 6.6% हिस्सा है।
चीन, रूस, कजाकिस्तान, तुर्की और पोलैंड के केंद्रीय बैंकों ने 2019 में भारत से ज्यादा सोने की खरीद की हैं। उजबेकिस्तान और वेनेजुएला ने 2019 में क्रमशः 16.6 टन और 30.3 टन सोना बेचा हैं। भारत का 2019 में सोने के बाजार में प्रदर्शन 2010 के बाद से अब तक सबसे अच्छा रहा। यह 2019 में संयुक्त राज्य अमेरिका डॉलर (यूएसडी) के 18.4% से अधिक था।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:
i. विभिन्न केंद्रीय बैंकों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ सोने के भंडारण का डेटा साझा किए जाने के बाद उन केंद्रीय बैंकों के भंडारण की सूची जारी की जाती हैं।
ii. केंद्रीय बैंकों ने निवल आधार पर 27.9 टन सोना ख़रीदा, जो वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर 2018 (515.2 टन) की तुलना में 11% (570.2) अधिक निवल खरीद है।
iii. रिपोर्ट में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए कर कटौती की जरूरतों पर प्रकाश डाला गया है। यह उन तथ्यों के कारण जिसमे उच्च करों ने सोने की कीमत पर रिकॉर्ड-उच्च स्थानीय खपत के प्रभाव को बढ़ा दिया।
iv. संस्थागत निवेशकों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) 2019 में सोने के दूसरे सबसे बड़े खरीदार थे। रिपोर्ट में भविष्यवाणी की गई है कि वे 2020 में भी सोने के सबसे बड़े खरीददार बने रहेगे।
उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की स्थापना: 1987
- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का मुख्यालय: लंदन, यूनाइटेड किंगडम
- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ): डेविड टैट