भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नीतिगत दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यानी ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। इस बात की घोषणा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की।
आरबीआई की एमपीसी ने 4:2 बहुमत से रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। दर-निर्धारण पैनल ने ‘सहूलियत वापस लेने’ के रुख को भी बरकरार रखने का फैसला किया।
रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को धन की कमी होने पर ऋण प्रदान करता है। यह मौद्रिक अधिकारियों के लिए मुद्रास्फीति के दबावों को प्रबंधित करने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करता है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ईंधन की कीमतों में गिरावट जारी है, खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है। उन्होंने कहा कि एमपीसी मुद्रास्फीति, विशेष रूप से खाद्य मुद्रास्फीति के बाहरी जोखिमों के प्रति सतर्क है, क्योंकि इससे अवस्फीति की राह में देरी हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य स्तर तक कम करने और मुद्रास्फीति की उम्मीद को स्थिर रखने ध्यान केंद्रित कर रहा है।
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दर निर्धारण समिति ने अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए बुधवार को तीन दिवसीय बैठक शुरू की। यह बैठक 5 जून से शुरू होकर 7 जून 2024 यानी आज तक चली। एमपीसी की बैठक में छह सदस्यों में से चार ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में रहे।
आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के फैसले का एलान करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान है। जो पिछले अनुमान 7% से अधिक है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थिर खर्च के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधियों में तेजी जारी है।
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