भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एडेलवाइस ग्रुप की दो संस्थाओं—ECL फाइनेंस लिमिटेड और एडेलवाइस एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (Edelweiss ARC) पर लगे पर्यवेक्षी प्रतिबंधों को हटा लिया है। ये प्रतिबंध मई 2024 में नियामक अनुपालन से संबंधित चिंताओं के कारण लगाए गए थे। कंपनियों द्वारा महत्वपूर्ण सुधारात्मक कदम उठाने और नियामक मानदंडों का पालन करने के बाद, RBI ने उनके सामान्य परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति दी है।
प्रतिबंध और उनके बाद की स्थिति का अवलोकन
ECL फाइनेंस लिमिटेड:
– मई 2024 में, ECL फाइनेंस पर थोक एक्सपोज़र वाले संरचित लेनदेन करने पर रोक लगाई गई थी, केवल समापन या पुनर्भुगतान की अनुमति थी।
– अब यह प्रतिबंध हटा लिया गया है, जिससे ECL फाइनेंस अपने सामान्य कार्य संचालन फिर से शुरू कर सकता है।
एडेलवाइस एआरसी:
– एडेलवाइस एआरसी को SARFAESI अधिनियम के तहत वित्तीय परिसंपत्तियां अधिग्रहण और सुरक्षा रसीदों के पुनर्गठन पर रोक का सामना करना पड़ा।
– सुधारात्मक उपायों को लागू करने के बाद, ये प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, और अब एडेलवाइस एआरसी अपने व्यावसायिक कार्य फिर से शुरू कर सकता है।
अनुपालन उपाय और बाजार प्रतिक्रिया
– दोनों संस्थाओं ने नियामक चिंताओं को दूर करने के लिए RBI के साथ मिलकर काम किया और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया।
– परिणामस्वरूप, बाजार की भावना सकारात्मक रही, और एडेलवाइस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शेयर मूल्य में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 7.76% की वृद्धि हुई, जो ₹138.80 तक पहुंच गया। यह निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि
– मई 2024 में लगाए गए प्रारंभिक प्रतिबंध “संरचित लेनदेन” से जुड़े थे, जिनका उद्देश्य संकटग्रस्त ऋणों को छुपाना था।
– RBI ने इन कार्यों को झंडा दिखाते हुए पारदर्शी वित्तीय प्रथाओं की आवश्यकता पर जोर दिया था।