भारतीय रिजर्व बैंक ने पूर्ण-KYC PPI (KYC -अनुपालन PPI) के संबंध में अधिकतम बकाया राशि को 1 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक बढ़ा दिया है. इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अनिवार्य किया है कि सभी प्रीपेड भुगतान साधन (PPI) या मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम, फ़ोनपे और मोबिक्विक पूरी तरह से KYC- अनुरूप हैं, जिन्हें 31 मार्च, 2022 तक इंटरऑपरेबल बनाया जा सकता है.
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
PPI जारीकर्ताओं को अधिकृत कार्ड नेटवर्क (कार्ड के रूप में PPI के लिए) और UPI (इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट के रूप में PPI के लिए) के माध्यम से इंटरऑपरेबिलिटी प्रदान करनी होगी. इंटरऑपरेबिलिटी स्वीकृति पक्ष पर भी अनिवार्य होगी. मास ट्रांजिट सिस्टम के लिए PPI (PPI-MTS) को इंटरऑपरेबिलिटी से छूट दी जाएगी. गिफ्ट PPI जारीकर्ताओं के लिए इंटरऑपरेबिलिटी का विकल्प रखना वैकल्पिक होगा.
RBI ने गैर-बैंक PPI जारीकर्ताओं के पूर्ण-KYC PPI से नकद निकासी की भी अनुमति दी है। ऐसी नकद निकासी पर शर्त यह होगी:
- 10,000 रुपये प्रति माह प्रति PPI की कुल सीमा के साथ प्रति लेनदेन 2,000 रुपये की अधिकतम सीमा.
- कार्ड/वॉलेट का उपयोग करके किए गए सभी नकद निकासी लेनदेन प्रमाणीकरण के एक अतिरिक्त कारक (AFA)/पिन द्वारा प्रमाणित किए जाएंगे;
- RBI ने डेबिट कार्ड और ओपन सिस्टम प्रीपेड कार्ड (बैंकों द्वारा जारी) का उपयोग करके पॉइंट ऑफ़ सेल (PoS) टर्मिनलों से नकद निकासी की सीमा बढ़ाकर सभी स्थानों (टियर 1 से 6 केंद्र) पर 10,000 रुपये की कुल मासिक सीमा के भीतर 2000 रुपये प्रति लेनदेन कर दी है. पहले यह सीमा टियर 1 और 2 शहरों के लिए 1000 रुपये थी, जबकि टियर 3 से 6 शहरों के लिए 2000 रुपये थी.