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RBI मौद्रिक नीति: RBI ने रेपो दर 50 बीपीएस बढ़ाकर 5.9% की

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट 50 बेसिस पॉइंट बढ़ाया। जिसके बाद यह तीन साल के उच्च स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंच गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 30 सितंबर 2022 को घोषणा की कि केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट को 50 आधार अंक (bps) बढ़ाकर तीन साल के उच्च स्तर 5.9 प्रतिशत कर दिया है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू होंगे।

 

मुख्य बिंदु

 

  • आरबीआई द्वारा इस साल ब्‍याज दरों में की गई यह चौथी वृद्धि है। इससे पहले अगस्‍त 2022 में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की गई थी और ब्‍याज दरों को 4.90 फीसदी से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया गया था। मई 2022 से अब तक रेपो रेट में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है।
  • RBI गवर्नर ने कहा कि मुद्रास्फीति 7 प्रतिशत के आसपास है और वर्ष की दूसरी छमाही में इसके 6 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “मुद्रास्फीति दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है।
  • शक्तिकांत दास ने कहा कि पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पादन में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

 

रेपो रेट क्या होता है?

यहां चर्चा कर दें कि रेपो दर का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन से है। रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देने का काम करता है।

 

लोगों पर असर

रेपो रेट में बढ़ोतरी का असर लोगों पर पड़ेगा और कर्ज महंगा हो जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ेगा। इसके बाद बैंक अपने ग्राहकों पर इसका बोझ डालने का काम करेंगे। होम लोन पर इसका असर तो पड़ेगा ही, साथ ही ऑटो लोन और अन्य लोन भी महंगे हो जाएंगे।

 

आरबीआई रेपो दर: विभिन्न दरें निम्नानुसार

  • पॉलिसी रेपो दर: 5.90%
  • स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ): 5.65%
  • सीमांत स्थायी सुविधा दर: 6.15%
  • बैंक दर: 6.15%
  • फिक्स्ड रिवर्स रेपो रेट: 3.35%
  • सीआरआर: 4.50%
  • एसएलआर: 18.00%

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