RBI ने उपभोक्ता उपकरणों – लैपटॉप, डेस्कटॉप, वेअरेब्लस डिवाई (घड़ी, बैंड, आदि), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आदि को शामिल करने के लिए टोकनाइजेशन के दायरे का विस्तार किया है। इससे पहले, आरबीआई (RBI) ने साल 2019 में, मोबाइल फोन और टैबलेट के माध्यम से किसी भी टोकन अनुरोधकर्ता (अर्थात, थर्ड पार्टी ऐप प्रदाता) को कार्ड टोकन सेवा प्रदान करने के लिए अधिकृत कार्ड भुगतान नेटवर्क को अनुमति दी थी।
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टोकनाइजेशन के लिए अनुमति विभिन्न चैनलों [जैसे, नियर फील्ड कम्युनिकेशन (Near Field Communication – NFC) / मैग्नेटिक सिक्योर ट्रांसमिशन (Magnetic Secure Transmission – MST) आधारित संपर्क रहित लेनदेन, इन-ऐप भुगतान, क्यूआर कोड-आधारित भुगतान, आदि] या टोकन स्टोरेज मैकेनिज्म (क्लाउड, सिक्योर एलिमेंट, ट्रस्टेड एक्सीक्यूशन एनवायरमेंट आदि तक विस्तारित है। प्रदान की गई कार्ड टोकनाइजेशन सेवाओं का अंतिम उत्तरदायित्व अधिकृत कार्ड नेटवर्क के पास है।
टोकनाइजेशन क्या है?
टोकनाइजेशन वास्तविक कार्ड विवरण के प्रतिस्थापन को “टोकन (token)” नामक एक यूनिक ऑल्टरनेट कोड के साथ संदर्भित करता है, जो कार्ड, टोकन अनुरोधकर्ता और डिवाइस के संयोजन के लिए यूनिक होगा।